आई लव मोहम्मद और आई लव महाकाल के बाद अब आई लव भील प्रदेश के लगे बैनर

रतलाम में आई लव मोहम्मद और आई लव महाकाल के बाद अब आई लव भील प्रदेश बैनर चर्चा का विषय बन गया है। आदिवासी संगठनों ने इस बैनर के माध्यम से अपनी संस्कृति, पहचान और अधिकारों की सुरक्षा के लिए भील प्रदेश की मांग को मजबूत किया है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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आमीन हुसैन@RATLAM.

मध्यप्रदेश के रतलाम में आई लव भील प्रदेश का बैनर दिखाई दिया। आई लव मोहम्मद और आई लव महाकाल के बाद अब आई लव भील प्रदेश के बैनर ने नई चर्चा की शुरुआत कर दी है। आई लव मोहम्मद और आई लव महाकाल के बाद अब अचानक आई लव भील प्रदेश का पोस्टर शहर में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। 

आदिवासी वीरों को श्रद्धांजलि 

मध्य प्रदेश के रतलाम में बीती रात इतिहास और भावनाओं का एक अनोखा संगम देखने को मिला। आदिवासी संगठनों ने बाजना बस स्टैंड पर एक कार्यक्रम आयोजित किया। मानगढ़ पहाड़ी पर अंग्रेजों के अत्याचार से शहीद हुए पंद्रह सौ से अधिक आदिवासी वीरों को श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने मौन रखकर उन बलिदानियों को नमन किया और दीप जलाकर उनके साहस को याद किया। यह नजारा सिर्फ एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और विरासत का प्रतीक भी बना। 

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आदिवासी प्रदेश के लिए अभियान 

कार्यक्रम के दौरान एक बैनर ने सबका ध्यान खींचा, इस पर लिखा था “आई लव भील प्रदेश”। हाल ही में त्योहारों के दौरान आए “आई लव मोहम्मद” और “आई लव महाकाल” जैसे बैनर बहुत चर्चा में थे। अब यह नया बैनर उसी बहस को एक नई दिशा देता दिख रहा है। या यूं कहें कि यह अलग आदिवासी प्रदेश के अभियान में गति दे रहा है। 

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संस्कृति और अधिकारों की सुरक्षा

इस बैनर के माध्यम से आदिवासी समाज स्पष्ट संदेश दे रहा है। आदिवासी अपनी अलग पहचान, अपनी संस्कृति और अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए अलग भील प्रदेश की मांग को मजबूती देना चाहते हैं। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी की भावनाएं इस मांग के साथ जुड़ी दिखाई दीं। 

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इतिहास को जीवित रखने का प्रयास 

मानगढ़ की शहादत को याद करते हुए यह आयोजन न केवल इतिहास को जीवित रखने का प्रयास है। बल्कि, वर्तमान में चल रही आदिवासी आवाजों को और बुलंद करने का एक माध्यम भी बन गया है। अब देखना है कि इस नए बैनर और उठती मांग पर आने वाले समय में कैसी प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं।

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