I Love Muhammad vs I Love Mahakal को लेकर देश में क्यों मच रहा है बवाल, यहां से हुआ शुरू

आई लव मोहम्मद" और "आई लव महाकाल" के विवाद ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है। उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ पोस्टर विवाद अब देश के कई हिस्सों तक फैल चुका है।

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Sourabh Bhatnagar
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Photograph: (thesootr)

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कानपुर से शुरू हुआ ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव महाकाल’ पोस्टर विवाद अब पूरे देश में फैल चुका है। यह विवाद अब सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हिंसा का रूप भी ले चुका है। पहले कानपुर में ‘आई लव मोहम्मद’ का पोस्टर लगा था, जिसके बाद से वहां के माहौल में तनाव बढ़ने लगा। धीरे-धीरे यह विवाद और भी शहरों में फैल गया, जिससे स्थिति और बिगड़ी।

कई जगहों पर तोड़फोड़ और पत्थरबाजी जैसी घटनाएं देखने को मिलीं। इस हिंसा के चलते पुलिस को FIR दर्ज करनी पड़ी और स्थिति को काबू पाना मुश्किल हो गया। इन पोस्टरों को लेकर दोनों समुदायों के बीच विरोध और नारेबाजी शुरू हो गई। कहीं पर ‘आई लव महाकाल’ के पोस्टर लगे तो कहीं ‘आई लव मोहम्मद’ के, और इसने दोनों पक्षों के बीच धार्मिक भावनाओं को उकसाने का काम किया।

अब यह मामला सिर्फ कानपुर और उन्नाव तक नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के भदोही, शाहजहांपुर, उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, महाराष्ट्र के ठाणे और उज्जैन तक फैल चुका है। हर जगह विवाद की जड़ वही पोस्टर बने हुए हैं, जो किसी न किसी तरह से दोनों समुदायों के बीच टकराव का कारण बन रहे हैं।

इस विवाद के कारण अब पुलिस को हर जगह अलर्ट रहना पड़ रहा है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है, ताकि माहौल और न बिगड़े।

कानपुर से हुई थी में विवाद की शुरुआत

4 सितंबर 2025 को कानपुर में "आई लव मोहम्मद" लिखा एक पोस्टर लगाया गया। शुरुआत में यह एक साधारण घटना लग रही थी, लेकिन जल्द ही यह एक बड़े विवाद का रूप ले लिया। आरोप यह था कि यह पोस्टर सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित कर रहा था, और स्थानीय पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की।

कानपुर पुलिस लगाए जाने के आरोप में नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। हिंदू संगठनों ने  इसे "नया चलन" बताते हुए कहा कि यह जानबूझकर उकसाने का प्रयास है।

यह विवाद तब और बढ़ गया जब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि "आई लव मोहम्मद" कहना कोई अपराध नहीं है। ओवैसी के इस बयान ने और भी हलचल मचा दी और विवाद को और तूल दे दिया।

घटना बढ़ने पर अब इस पोस्टर के विरोध में "आई लव महाकाल" जैसे पोस्टर सामने आने लगे हैं, जिससे विवाद और बढ़ गया है। अब कानपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया है।

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उज्जैन में लगे 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर

कुछ दिनों पहले उज्जैन में ‘आई लव मोहम्मद’ (I Love Mohammad) के पोस्टर ईदगाह के पास कब्रिस्तान के गेट पर लगाए गए थे। इसके बाद, चिमनगंज थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन पोस्टरों को हटा दिया। पुलिस का कहना था कि इस तरह के पोस्टर लगाने से शहर में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है, इसलिए पोस्टर हटाना जरूरी था। इसके बाद, पुलिस ने स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

फिर लगे 'आई लव महाकाल' पोस्टर

इसी बीच, ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के खिलाफ, उज्जैन में ही ‘आई लव महाकाल’ (I Love Mahakal) के पोस्टर भी देखे गए। खासकर, नवरात्रि के दौरान चल रहे गरबा महोत्सव में।

इंदौर में भी मचा बवाल

मध्य प्रदेश के इंदौर में भी यह विवाद उठ खड़ा हुआ। चंदन नगर क्षेत्र में "आई लव मोहम्मद" के पोस्टर लगाए गए थे, जिस पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने विरोध जताया। उनका कहना था कि ऐसे पोस्टर, विशेषकर जब नवरात्रि जैसे हिंदू पर्व चल रहे हों, तो माहौल बिगाड़ सकते हैं। विरोध के बाद प्रशासन ने इन पोस्टरों को हटा लिया, लेकिन सामाजिक तनाव में कमी नहीं आई।

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गुजरात में बढ़ता तनाव

गुजरात के गांधीनगर में भी यह विवाद फैल गया। नवरात्रि के दौरान बहियल गांव में "आई लव मोहम्मद" के नारों के साथ पत्थरबाजी हुई। इस दौरान कई वाहनों के शीशे टूट गए और दो दुकानें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए स्थिति पर काबू पाया, लेकिन हिंसा का माहौल बढ़ने से चिंता का विषय बन गया।

कर्नाटक में भी विवाद

कर्नाटक के देवनगेरे क्षेत्र में भी इसी प्रकार की घटना (I Love Muhammad vs I Love Mahakal controversy) सामने आई, जहां "आई लव मोहम्मद" ( पैगंबर मोहम्मद ) के पोस्टर लगाने पर पथराव हुआ। पुलिस ने जल्द ही स्थिति को शांत किया और विवादित पोस्टर को हटा लिया।

कानून और व्यवस्था: पुलिस के लिए चुनौती

इन सभी घटनाओं में स्थानीय पुलिस के लिए कानून और व्यवस्था बनाए रखना कठिन साबित हुआ है। धार्मिक त्यौहारों के दौरान इस तरह के विवादों से शांति बनाए रखना और भी जटिल हो गया है। कानपुर, गुजरात, इंदौर और कर्नाटक में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है।

सोशल मीडिया से ज्यादा बिगड़ा खेल

इस विवाद के फैलने में सोशल मीडिया का भी बड़ा हाथ है। वायरल पोस्टरों और उनके प्रभाव ने इस विवाद को सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रहने दिया, बल्कि यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया।

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