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नवरात्रि का पावन उत्सव सोमवार, 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस आस्था और मातृशक्ति की पूजा के त्योहार के दौरान गरबे का आयोजन होगा। इसमें लगातार एक वर्ग विशेष के लोगों, खासकर युवाओं के आने का हमेशा विरोध रहता है।
इस दौरान हिंदू संगठन अधिक सक्रिय रहते हैं और उनके आरोप रहते हैं कि वर्ग विशेष वाले इस दौरान लव जिहाद के लिए सक्रिय होते हैं। वहीं अब त्योहार के पहले, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नए फरमान आ गए हैं। उधर, इंदौर के खजराना की पार्षद रूबीना इकबाल खान ने अपने ही कौम के बच्चों को समझाइश दी है कि इन गरबा पंडालों की जगहों पर नहीं जाना चाहिए।
वीएचपी और बजरंग दल ने पोस्टर जारी कर यह कहा
इस दौरान, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने एक पोस्टर जारी कर कहा है कि गरबा आयोजकों को इन नियमों का पालन करना होगा। साथ ही साफ शब्दों में कहा है कि लव जिहाद जैसी बातें सहन नहीं की जाएंगी।
गरबा पंडाल के निकट किसी भी तरह का नशा, मांसाहार नहीं होना चाहिए।
गरबा पंडाल हिंदू उत्सव है, गैर हिंदू का प्रवेश नहीं।
आने वाले का आईडी देखकर ही प्रवेश दिया जाए।
सभी पारंपरिक मर्यादित परिधानों में प्रवेश करें, अश्लीलता न हो।
गीत- संगीत भक्तिमय हो, अश्लील गाने नहीं हों।
उधर कौम को दी समझाइश
इधर, खजराना वार्ड की पार्षद रूबीना इकबाल खान ने एक वीडियो जारी कर अपनी कौम के युवाओं को संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जब उनके द्वारा लगातार चेतावनी दी जाती है और कुछ दल पकड़ते हैं, थाने ले जाते हैं, तो यह पूरे कौम के लिए अच्छी बात नहीं होती। मैं समझाइश देती हूं अपनी कौम के युवाओं को कि वहां क्यों जाना? वहां हमारा क्या काम है? लोग हमें देखना नहीं चाहते, हमें दूर करते हैं तो फिर हमें वहां नहीं जाना चाहिए। स्कूल, कॉलेज के आपके साथी भी बोलें कि गरबा देखने चलें तो मना कर देना। आपकी मंशा सही भी हो, तो भी वह गलत समझते हैं, किसी भी कीमत पर वहां नहीं जाना चाहिए और घर पर रहना चाहिए।
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एमआईसी सदस्य ने इस तरह दी चेतावनी
उधर, एमआईसी सदस्य मनीष मामा ने कहा कि नवरात्रि का पर्व पवित्र त्योहार है। हम मां-बहनों को देवी का रूप मानते हैं। हमारे क्षेत्र में यदि अलीम-कलीम पर प्रतिबंध है, यदि वह फूफा, फूफी, खाला, अब्बू के साथ आते हैं तो स्वागत है, और अगर किसी भी गरबा पंडाल में इन लोगों ने किसी तरह का वीडियो बनाया या किसी तरह का हमने देखा तो जैसे इनके धर्म इस्लाम में मूर्ति पूजा पर प्रतिबंध है, तो जो शरीयत की सजा होती है, उसके हिसाब से सजा दी जाएगी।