मध्य प्रदेश में 850 से ज्यादा आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), और आईएफएस (IFS) अधिकारियों को अपनी और अपनी पत्नी के नाम पर मौजूद संपत्तियों का विवरण 17 दिनों के भीतर शासन को प्रस्तुत करना होगा। यह विवरण देशभर में मौजूद उनकी संपत्तियों की जानकारी देगा, जिसमें संपत्ति की खरीद की तिथि, खरीदते समय की कीमत, और वर्तमान बाजार मूल्य का उल्लेख करना अनिवार्य है।
मंत्री स्टाफ के कर्मचारियों पर भी निर्देश लागू
राज्य सरकार ने केवल वरिष्ठ अधिकारियों तक ही निर्देश सीमित नहीं रखे हैं। मंत्री स्टाफ के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों, जैसे सहायक अनुभाग अधिकारी, सहायक ग्रेड-2, ग्रेड-3, स्टेनो टाइपिस्ट, और तकनीकी संवर्ग के कर्मचारियों को भी अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होगा।
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निर्देशों का पालन कैसे होगा?
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने आईएएस अधिकारियों के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी अफसरों को अपनी संपत्तियों का विवरण 31 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन फॉर्मेट में अपलोड करना होगा। इसके अलावा, हार्ड कॉपी भी शासन को प्रस्तुत करनी होगी।
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कितने पद हैं स्वीकृत और कितने भरे हुए?
मध्य प्रदेश में कुल 459 स्वीकृत आईएएस पदों में से 382 पर अधिकारी कार्यरत हैं। इसी प्रकार, 296 स्वीकृत आईएफएस पदों में से 215 पर अधिकारी और 319 स्वीकृत आईपीएस पदों में से 271 पर अधिकारी कार्यरत हैं।
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संपत्ति का विवरण क्यों अनिवार्य है?
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DoPT) ने पहले ही इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता को बढ़ाने और शासन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
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