IAS नियाज खान की ‘द ग्रेट ब्राह्मण’ किताब पर बवाल, कांग्रेस MLA बोले- बढ़ाया पाखंडवाद
IAS नियाज खान की ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ किताब और उनके बयानों को लेकर कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति जाति विशेष को बढ़ावा देकर पाखंडवाद को बढ़ा रहा है।
IAS अधिकारी नियाज खान एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उनकी नई किताब ‘द ब्राह्मण ग्रेट’ को लेकर कांग्रेस MLA हीरालाल अलावा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विधायक ने कहा कि संवैधानिक पद पर रहते हुए IAS नियाज खान जाति विशेष को बढ़ावा दे रहे हैं और यह संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। किताब में ब्राह्मणों को सर्वोच्च पदों पर बैठाने, सनातन राष्ट्र बनाने, अंग्रेजी कपड़ों और वेलेंटाइन डे पर रोक जैसी बातें लिखी गई हैं, जिससे सियासी विवाद बढ़ गया है।
IAS नियाज खान की किताब पर कांग्रेस MLA का गुस्सा
मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने IAS नियाज खान की किताब ‘द ब्राह्मण ग्रेट’ और उनके बयानों पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम किसी जाति-धर्म के विरोधी नहीं हैं, लेकिन एक IAS अधिकारी संवैधानिक पद पर बैठकर किसी जाति विशेष को सर्वश्रेष्ठ बताकर पाखंडवाद फैला रहा है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से IAS नियाज खान पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि इससे सामाजिक समरसता और संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंच रही है।
ब्राह्मण द ग्रेट’ में ऐसा क्या है जिस पर बवाल मचा?
IAS नियाज खान की किताब ‘द ब्राह्मण ग्रेट’ में सनातन धर्म, ब्राह्मणों की सर्वोच्चता, धर्मतंत्र, और राष्ट्रवाद से जुड़े कई विवादित विषय उठाए गए हैं। किताब में कहा गया कि...
ब्राह्मणों को शासन व्यवस्था में सर्वोच्च स्थान दिया जाए।
भारत को लोकतंत्र की जगह धर्मतंत्र में बदला जाए।
गायों को विशेष दर्जा मिले और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
अंग्रेजी कपड़ों, बॉलीवुड, वेलेंटाइन डे और क्रिकेट पर प्रतिबंध लगे।
भारत को एक ‘सनातन राष्ट्र’ के रूप में पुनः स्थापित किया जाए।
किताब का मुख्य पात्र ब्राह्मण शुभेंद्र उर्फ ‘जूनियर कौटिल्य’ एक ऐसे राष्ट्र का सपना देखता है जहां संविधान की जगह धर्म का शासन हो।
विधायक हीरालाल अलावा ने क्यों जताई आपत्ति?
कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने किताब पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि एक IAS अधिकारी सरकार का हिस्सा होते हुए इस तरह के विचार कैसे रख सकता है? यह संविधान और लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अगर किसी सरकारी अधिकारी की सोच जाति विशेष को बढ़ावा देने की है, तो सरकार को उन पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
IAS नियाज खान इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने एक बार इस्लाम को ‘अरब का धर्म’ बताया था और कहा था कि इस्लाम अरब का धर्म है, भारत में सभी लोग पहले हिंदू थे। हिंदुओं और मुस्लिमों का लहू एक है। अगर कोई मुस्लिम अरब को अपना आदर्श मानता है, तो उसे पुनर्विचार करना चाहिए। उनके इस बयान के बाद भी काफी विवाद हुआ था।
FAQ- खबर से संबंधित प्रश्न
IAS नियाज खान की किताब ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ में क्या लिखा है?
इस किताब में ब्राह्मणों को सर्वोच्च सत्ता देने, भारत को सनातन राष्ट्र बनाने, लोकतंत्र की जगह धर्मतंत्र स्थापित करने, वेलेंटाइन डे, अंग्रेजी कपड़ों और क्रिकेट पर प्रतिबंध लगाने जैसी बातें लिखी गई हैं।
कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने IAS नियाज खान पर क्यों हमला बोला?
विधायक का कहना है कि संवैधानिक पद पर रहते हुए IAS नियाज खान जाति विशेष को बढ़ावा दे रहे हैं और इससे संवैधानिक व्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है।
क्या IAS नियाज खान पहले भी विवादों में रहे हैं?
हां, उन्होंने पहले इस्लाम को ‘अरब का धर्म’ बताया था और हिंदुओं और मुस्लिमों को एक ही संस्कृति का हिस्सा बताया था। इस बयान के बाद भी काफी विवाद हुआ था।
क्या मध्यप्रदेश सरकार IAS नियाज खान पर कोई कार्रवाई कर सकती है?
कांग्रेस विधायक ने सरकार से IAS नियाज खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, लेकिन अभी तक इस पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है।
क्या ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ किताब को बैन किया जा सकता है?
अभी तक इस किताब पर कोई बैन नहीं लगा है, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद सरकार इस पर समीक्षा कर सकती है।