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INDORE. इंदौर में जिला प्रशासन की खाद्य मिलावट को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। इस मौके पर 3400 लीटर मिलावटी घी मिला। इसे जब्त कर लिया गया है। यह घी प्रारंभिक जांच में अमानक भी आ चुका है।
इसकी जांच उसी लैब में हुई जिसका उद्घाटन सीएम डॉ. मोहन यादव ने 27 अक्टूबर को ही किया था। इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि सीएम के निर्देश के तहत मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जाएगा और कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। संस्थान को सील कर दिया है। घी को जब्त कर इसकी जांच कराई जा रही है।
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इस तरह हो रही थी मिलावट
खाद्य व सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर जांच की गई है। फैक्टरी संचालक पालदा श्रीराम मिल्क द्वारा महाराष्ट्र से डेयरी पावर व कावल्या ब्रांड का घी मंगाया जाता था। फिर इसमें वनस्पति व एसेंस मिलाकर मिलावटी, अमानक घी तैयार कर उसकी अलग ब्रांड में पैकिंग कर बेचा जाता था।
उधर फैक्टरी संचालक नरेंद्र कुमार ने बताया कि वह सात साल से फैक्टरी चला रहे हैं। उनका ब्रांड रजिस्टर्ड है और इसमें कोई मिलावट नहीं है। अन्य जगह से घी बुलाकर इसकी पैकिंग, ब्रांडिंग करते हैं।
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छोटे शहर, गांवों में खपा रहे थे
जानकारी के अनुसार इस घी को छोटे शहरों और गांवों में खपाया जा रहा था। इसके दाम शुद्ध घी से कम रखे जाते थे, जिससे अधिक बिक सके। मिलावटी घी तैयार करने के लिए मशीनें लगाई गई थी। इसमें आधा वनस्पति और आधा असली घी होता था। प्लास्टिक के पांच व दस किलो के पैकिंग में इसे तैयार कर बेचा जाता था।
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