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Photograph: (thesootr)
Indore. मप्र हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा देने पर शहडोल कलेक्टर केदार सिंह पर दो दिन पहले ही हाईकोर्ट ने दो लाख का जुर्माना ठोका। अब सुप्रीम कोर्ट में मप्र के अधिकारियों के झूठे हलफनामे का मामला सामने आया है। इसमें इंदौर के में पदस्थ एडिशनल डीसीपी दिशेष अग्रवाल और चंदननगर टीआई इंद्रमणि पटेल उलझ गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
एडिशनल डीसीपी दिशेष अग्रवाल और चंदननगर टीआई इंद्रमणि पटेल को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। दोनों ने ही एक आरोपी अनवर हुसैन की जमानत याचिका पर आपत्ति लेते हुए हलफनामा दिया था जिसमें कई बातें गलत निकली।
जस्टिस संदीप मेहता और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ को सुनवाई में खुलासा हुआ। हलफनामे में बताए गए आठ मामलों में से चार मामलों में याचिकाकर्ता आरोपी नहीं था। इनमें IPC की धारा 376 का मामला भी शामिल था।
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सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया
इस मामले में जिम्मेदारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट को कम्प्यूटर से हुई तकनीकी त्रुटि को जिम्मेदार बताया गया। कहा गया कि पिता-पुत्र का नाम एक जैसा होने के चलते यह जानकारी तैयारी हो गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई।
जानकारी के अनुसार टीआई इंद्रमणि पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी कर 25 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को कहा। साथ ही गलत हलफनामा तैयार करने में शामिल अन्य लोगों को 25 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। साथ ही सुनवाई से दो दिन पहले स्पष्टीकरण जमा करना होगा। साथ ही आरोपी की जमानत देने का भी फैसला लिया गया।
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