इंदौर बीजेपी के MIC मेंबर राकेश जैन के समर्थक सूरज ने पिस्टल दिखाकर धमकाया,पुलिस ने छोड़ा

इंदौर में बीजेपी के एमआईसी सदस्य राकेश जैन के समर्थक सूरज ने पिस्टल दिखाकर महिला को धमकाया। पुलिस ने उसे बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया, राजनीतिक दबाव के चलते।

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Sanjay Gupta
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malini goud with suraj

Photograph: (the sootr)

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इंदौर बीजेपी के एमआईसी (मेयर इन काउंसिल)  सदस्य व पार्षद राकेश जैन के समर्थक सूरज शर्मा पर पुलिस ने मेहरबानी दिखाई है। द्वारकापुरी एरिया में हाल ही में एक घटना हुई जिसमें सूरज द्वारा किसी विवाद के दौरान महिला को पिस्टल लहराकर धमकाया गया। इसका वीडियो भी सामने आया था लेकिन पुलिस ने उसे बख्श दिया है। 

पुलिस पूछताछ के लिए ले गई, लेकिन फिर छोड़ा

वीडियो सामने आने के बाद पुलिस सूरज शर्मा को मंगलवार रात को थाने लेकर आई। लेकिन  पूछताछ में उसने बताया कि वह असली पिस्टल नहीं, बल्कि लाइटर था। इसी दौरान एमआईसी सदस्य पार्षद राकेश जैनऔर सतनाम सिंह खनूजा के साथ 50 से ज्यादा समर्थक थाने के बाहर पहुंच गए।  इसके बाद टीआई सूरज पटेल पर दबाव बनाया गया कि वह सूरज को छोड़ें। विधायक मालिनी गौड़ ने भी दबाव बनाया और हस्तक्षेप किया। इसके बाद सूरज को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के बख्श दिया गया और छोड़ दिया। 

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घटना: इंदौर में बीजेपी के एमआईसी सदस्य पार्षद राकेश जैन के समर्थक सूरज शर्मा ने द्वारकापुरी एरिया में एक महिला को पिस्टल दिखाकर धमकाया, जिसका वीडियो वायरल हो गया।

पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने सूरज शर्मा को थाने बुलाकर पूछताछ की, लेकिन उसने दावा किया कि वह असली पिस्टल नहीं, बल्कि लाइटर था। इसके बाद उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया गया।

राजनीतिक दबाव: सूरज को छोड़ने के लिए राकेश जैन, विधायक मालिनी गौड़ और उनके समर्थकों ने पुलिस पर दबाव डाला, जिससे सूरज को बख्श दिया गया।

पहला विवाद नहीं: सूरज शर्मा पहले भी कई विवादों में शामिल रहे हैं, जैसे थाने में गुटबाजी और कलेक्टर कार्यालय में फर्जी मामला दर्ज कराने की कोशिश।

राजनीतिक संरक्षण का असर: यह घटना यह दर्शाती है कि राजनीतिक दबाव पुलिस की कार्रवाई को प्रभावित करता है, जिससे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जाते।

सूरज का यह पहला कांड नहीं

सूरज शर्मा का यह पहला कांड नहीं है। उनका पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं। करीब डेढ़ साल पहले थाने के अंदर ही उनका अन्य गुट से विवाद हो गया था। पुलिस को दोनों पक्षों पर कार्रवाई करनी पड़ी थी। साल 2022 में वह इंदौर कलेक्टर कार्यालय में फर्जी मामला लेकर पहुंचा था। सूरज शर्मा अक्सर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से उलझते रहते हैं और राजनीतिक संरक्षण के चलते बचते रहते हैं। इससे लगातार उनके हौंसले बढ़ रहे हैं और हालत यह है कि अब वह खुलकर पिस्टल हवा में लहराकर धमकाते हैं। 

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हवाई फायरिंग पर पुलिस ने मां-बेटे को पकड़ा था

हाल ही में छत्रीपुरा एरिया में मां और बेटे द्वारा हवाई फायरिंग का वीडियो सामने आया था। तब पुलिस ने तत्परता दिखाई थी और इस मामले में आमर्स एक्ट का केस कर कानूनी कार्रवाई की थी। लेकिन जहां राजनीतिक संरक्षण की बात आती है पुलिस चुप्पी साध लेती है।

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