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Indore. इंदौर बीजेपी नगर कार्यकारिणी के गठन के बाद उठे विवाद को अब संगठन ने ठंडा करने का मन बना लिया है। नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा ने इस मामले में शांति दिखाई। इधर जिस नाम के कारण विवाद हुआ, वह नीलेश चौधरी खुद मिश्रा के पास मिलने पहुंचे। उधर मिश्रा की नेमप्लेट पर कालिख पोतने वाले मिलाप मिश्रा ने वीडियो अपलोड कर माफी मांगी।
नीलेश पहुंचे मिश्रा के पास
बीजेपी नगर कार्यकारिणी में पूर्व विधायक जीतू जिराती के समर्थक नीलेश चौधरी को जगह नहीं मिली। इसके चलते उनके समर्थक खाती समाज ने जमकर हंगामा किया। नगराध्यक्ष पर आरोप लगाए, दफ्तर के बाहर पुतला फूंका और फिर पोस्टर और अंदर दफ्तर में जाकर नेम प्लेट पर कालिख पोती। इस विवाद के बाद संगठन की जमकर भद पिटी।
इसे ठीक करने के लिए डैमेज कंट्रोल की बैठकें और फोन चले। आखिर में पहले बुधवार सुबह मिलाप मिश्रा जिन्होंने कालिख पोती थी, माफी वाला वीडियो डाला। इसमें कहा गया कि वह अपने कृत्य के लिए नगराध्यक्ष और पार्टी दोनों से माफी मांगते हैं। नगराध्यक्ष मेरे बड़े भाई जैसे हैं, मैं हाथ जोड़कर क्षमा मांगता हूं। यह कृत्य मेरे द्वारा आवेश या डिप्रेशन में जाने के कारण किया गया। उधर नीलेश चौधरी, सुमित मिश्रा के पास पहुंच गए।
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दोनों कई घंटे साथ में रहे
नीलेश और मिश्रा पहले विधायक रमेश मेंदोला के यहां चल रही कथा में शामिल हुए। फिर दो अन्य जगह साथ में गए। एक साथ कई घंटों तक घूमते रहे और सारे गिले-शिकवे दूर हुए। मिश्रा ने भी नीलेश के साथ युवा मोर्चा के दिनों में साथ काम करने वाले दिनों के चलते बड़ा दिल दिखाया और मामले को ठंडा किया। मिश्रा ने कहा किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं, कोई fir नहीं होगी। नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सर्वव्यापी है। इसमें सभी वर्ग मिलकर राष्ट्र निर्माण का कार्य करते हैं।
इधर कांगेस ने कसा तंज
उधर कांग्रेस ने इस पूरे मसले पर बीजेपी के चाल, चरित्र और अनुशासन के दावे पर तंज कसा है। प्रदेश प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा कि इसने बीजेपी की अनुशासन गाथा का वास्तविक चेहरा सामने ला दिया है। बीजेपी की “पंच निष्ठा” अब “पट्ठा निष्ठा” में बदल गई है। सेवा की जगह सिफारिश, और कार्यकर्ता की जगह चापलूसों का जमावड़ा – यही बीजेपी की असली संस्कृति बन गई है। अब योग्यता नहीं, यारी चलती है; कुर्सी नहीं, कृपा से पद मिलते हैं। पार्टी कुर्सी-कल्चर में डूब चुकी है। बीजेपी कार्यकर्ता आज “दिन दयालु देव दुर्लभ दरी बिछाऊ योजना” के हितग्राही बन चुके हैं। एक ओर नेता मलाई बांट रहे हैं, दूसरी ओर कार्यकर्ता बस बिछाई गई दरी समेटने में लगे हैं।
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