इंदौर BJP दफ्तर के हमलावरों पर FIR क्यों नहीं, संघ प्रचारक प्रमोद झा ऐसे ही निपटे, अब जीतू भी मुश्किल में

इंदौर में बीजेपी नगर कार्यकारिणी की घोषणा के बाद कुछ लोगों ने नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरोप है कि यह प्रदर्शन पूर्व विधायक... नीचे पढ़ें पूरी खबर

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Sanjay Gupta
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इंदौर में बीजेपी नगर कार्यकारिणी की घोषणा के बाद खाती समाज के लोगों द्वारा किए गए प्रदर्शन की पोल द सूत्र ने खोलकर रख दी। द सूत्र ने बताया था कि इस प्रदर्शन में कौन-कौन शामिल था। यह सभी पूर्व विधायक व पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती के समर्थक थे।

साथ ही एक मनीष चौधरी तो उनका दामाद ही था। इस मामले में अब सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा ने अभी तक संबंधितों पर एफआईआर क्यों नहीं कराई है।

इसी तरह के कांड में निपटे थे प्रमोद झा

संघ के प्रचारक रहे प्रमोद झा एक समय इंदौर और मालवा रीजन में बड़ी ताकत थे, लेकिन इनकी एक गलती ने हाशिये पर ला दिया और राजनीति खत्म हो गई। बीजेपी संगठन से किसी बात से नाराज होकर इनके समर्थकों ने बीजेपी इंदौर दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की थी। 

इसके बाद संघ और बीजेपी संगठन दोनों ने इन्हें दरकिनार कर दिया। अब इस मामले में पूर्व विधायक जीतू जिराती के राजनीतिक अस्तित्व पर बात आ गई है।

भले ही यह कहकर मामले को डायवर्ट किया जा रहा है कि यह प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी थे, लेकिन प्रदर्शन में शामिल सारे लोग जिराती कैंप के हैं। बात अब दूर तलक जा रही है।

मंत्री गुट के हैं जीतू, आईडीए की दौड़ में लगे हैं

जिराती मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के गुट के हैं। उन्हीं के चलते उन्हें टिकट मिला था और वह विधायक बने थे, लेकिन फिर जीतू पटवारी से चुनाव हार गए।

इसके बाद उनका टिकट कटा और अब राऊ से बीजेपी के मधु वर्मा विधायक हैं। जिराती अब प्रदेश कार्यकारिणी से भी बाहर हो चुके हैं।

उनकी नजरें लंबे समय से इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) चेयरमैन की कुर्सी पर हैं। अब इस कांड के बाद उनके नंबर तेजी से घटे हैं। अब मंत्री ही उनकी नैया पार लगा सकते हैं।

नशे में किया पूरा तमाशा

द सूत्र ने खुलासा किया था कि जिस मिलाप मिश्रा ने नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा की नेम प्लेट पर कालिख पोती और बाहर पोस्टर पर कालिख लगाई, वह पूरी तरह नशे में था।

मंगलवार दोपहर में कार्यकारिणी की घोषणा के बाद नीलेश चौधरी का नाम नहीं होने के बाद उसने शराब पी और फिर यह कांड किया। प्रदर्शन के दौरान कई लोगों ने तो जानबूझकर चेहरे ढके थे ताकि वह पहचान में न आ सके। 

मिलाप मिश्रा ने पहले बाहर लगे पोस्टर में सुमित मिश्रा के चेहरे पर ब्लैक स्प्रे किया। इसके बाद भी मन नहीं माना तो वह बीजेपी दफ्तर में घुसा और फिर दोनों नेम प्लेटों पर कालिख पोती। इसके पहले लोगों ने नारेबाजी की औरदौर बीजेपी नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा का पुतला फूंका।

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कौन हैं मिलाप मिश्रा

मिलाप मिश्रा, जीतू जिराती के खास नीलेश चौधरी के एकदम करीबी हैं। वह 24 घंटे नीलेश के साथ ही रहते हैं। पूरा मुद्दा नीलेश को ही महामंत्री या अन्य पद नहीं देने से खड़ा हुआ। 

इस प्रदर्शन में खुद जिराती के सगे दामाद मनीष चौधरी भी मौजूद थे और आगे-आगे नारे लगाते हुए नजर आए। इसके साथ ही नीलेश का भतीजा गौरव चौधरी, एबीवीपी के शिवम पटवारी और उनकी टीम भी इस प्रदर्शन में शामिल थे।

खाती समाज की नाराजगी

इस प्रदर्शन को लीड खुद को राष्ट्रीय खाती समाज का उपाध्यक्ष बताने वाले पवन चौधरी ने किया। यह वही चौधरी है जो विधायक रमेश मेंदोला की विधानसभा दो से पार्षद की टिकट में लगे थे, लेकिन मेंदोला के व्यक्ति को पार्षद टिकट मिलने से नाराज थे।

बताया जा रहा है कि इसी बात की खुन्नस निकाली गई। क्योंकि कार्यकारिणी में पूरी तरह से विधायक मेंदोला, विधायक गोलू शुक्ला और  इंदौर बीजेपी नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा की चली है।

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मैंने प्रदर्शन नहीं कराया, मनीष जी मेरे दामाद हैं

इस मामले में जीतू जिराती ने द सूत्र के सवाल पर कहा था कि- यह प्रदर्शन मैंने नहीं करवाया। बड़े-बड़े समंदर मैंने छोड़ दिए, तो यह कहां छोटे दरिया में मैं पड़ूंगा। मनीष जी मेरे दामाद हैं, लेकिन वह प्रदर्शन में नहीं थे। मैं पार्टी लाइन पर चलने वाला कार्यकर्ता हूं। मैंने कोई प्रदर्शन नहीं करवाया।

विवादों पर सुमित मिश्रा ने ये दी थी प्रतिक्रिया

विवादों पर नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा ने कहा था कि- बीजेपी अनुशासित और विचारधारा आधारित संगठन है। जिला कार्यकारिणी का गठन पूरी संगठनात्मक प्रक्रिया और व्यापक परामर्श के बाद किया गया है।

पार्टी में प्रत्येक समाज, वर्ग और क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का योगदान हमारे लिए अमूल्य है। कार्यकारिणी की घोषणा के बाद कुछ तत्वों द्वारा दुष्प्रचार किया गया, जबकि जिनके नामों को लेकर इस्तीफों की बात कही गई।

उन्होंने स्वयं वीडियो जारी कर इन अफवाहों का खंडन किया है। मीडिया रिपोर्टों में भी यह स्पष्ट हुआ है कि दुष्प्रचार फैलाने वाले कुछ लोगों के संबंध कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। बीजेपी  जिम्मेदारियां देना एक सतत और निरंतर प्रक्रिया है। बीजेपी एक परिवार है, यहां हर कार्यकर्ता का सम्मान और स्थान है।

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