संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर लगातार गिरते भू जल स्तर वाले शहरों में शामिल है। अब प्रशासन ने गर्मी बढ़ने के साथ गिरते जलस्तर को देखते हुए 18 मार्च से 30 जून तक के लिए बोरिंग खनन पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं ( Indore Boring Mining )।
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मशीन होगी जब्त
जल स्तर में लगातार गिरावट देखते हुए प्रशासन ने 18 मार्च से 30 जून तक बोरिंग (नलकूप खनन) पर रोक लगा दी है। रविवार को जारी आदेश में कहा गया है, बोरिंग मशीन यदि खनन करते हुए पाई गई तो संबंधितों के खिलाफ एफआईआर कर मशीन जब्त की जाएगी।
बोर्ड की रिपोर्ट में यह है इंदौर के लिए
सेंटर ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट में भी इंदौर जिले में भूजल के हालात चिंताजनक बताए हैं। जिले में तय सामान्य सीमा से बहुत ज्यादा भूजल दोहन किया जा रहा है। इसकी बड़ी वजह खेती और इंडस्ट्री के लिए पानी की जरूरत है। इंदौर जिले के कुछ ब्लॉक अतिदोहन तो इंदौर शहर क्रिटिकल (90 से 100 प्रतिशत दोहन) जोन में है।
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इस एक्ट के तहत कलेक्टर ने जारी किए आदेश
कलेक्टर आशीष सिंह ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। आदेश में कहा गया, राजस्व, पुलिस एवं नगर निगम के अधिकारियों को बोरिंग पर कार्रवाई के अधिकार रहेंगे। अति जरूरी होने पर अपर कलेक्टरों को उनके क्षेत्रांतर्गत अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों के लिए उचित जांच कर अनुमति देने के लिए अधिकृत किया है।
दो साल तक की कैद की सजा
प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 2 हजार का जुर्माना और 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों से दंडित किया जाएगा। सरकारी योजनाओं के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग नियमानुसार काम कर सकेगा। सार्वजनिक पेयजल की जरूरत होने पर निजी जलस्रोत को अधिग्रहित कर सकेंगे।
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इंदौर जिला क्रिटिकल जोन में हैं
इंदौर जिले में 120.9 प्रतिशत दोहन, इंदौर जिला भी क्रिटिकल जोन में है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट भी कर रही आगाह, रिचार्ज बढ़ाएं, दोहन कम करें। जारी रिपोर्ट के अनुसार इंदौर जिले का महू सेमी क्रिटिकल श्रेणी में है। इंदौर शहर क्रिटिकल जोन में है, जबकि देपालपुर, सांवेर और इंदौर अतिदोहन क्षेत्र में हैं। यहां क्षमता से ज्यादा दोहन किया जा रहा है। यदि इसे जारी रखा गया तो ग्राउंड वाटर का स्तर और नीचे जा सकता है।