इंदौर बिल्डर दीपक कालरा ने NRK LUXE मल्टी में गाइडलाइन रेट पर उठाए सवाल, सरकार ने खोली पोल

इंदौर के प्रमुख बिल्डर दीपक कालरा ने NRK LUXE प्रोजेक्ट की गाइडलाइन दरों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जिला मूल्यांकन कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए और हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

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Sanjay Gupta
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INDORE. इंदौर के सबसे बड़े रियल एस्टेट ग्रुप में से एक NRK ने जिला मूल्यांकन कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह आरोप NRK (नानकराम कालरा) के प्रमुख दीपक कालरा के जरिए लगाए गए हैं। 

उन्होंने स्कीम 134 में बन रहे हाईराइज मल्टी स्टोरी NRK LUXE प्रोजेक्ट की गाइडलाइन दरों पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है।

इसमें जिला मूल्यांकन कमेटी, सेंट्रल मूल्यांकन कमेटी और कलेक्टर इंदौर को पार्टी बनाया गया था। ऐसे में, सरकार के जवाबों ने इन आरोपों की पूरी पोल खोल कर रख दी है। वहीं पोल खुलने के बाद याचिका वापस ले ली गई है।

क्या है प्रोजेक्ट

हाईराइज प्रोजेक्ट NRK LUXE 60 मीटर ऊंचा है। यह वाणिज्यिक कम आवासीय प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट की मंजूरी होने के बाद इसमें बिक्री शुरू हुई। नए वित्तीय साल अप्रैल 2025 से मार्च 2026 के लिए नई प्रॉपर्टी गाइडलाइन तय की गई।

ऐसे में इस प्रोजेक्ट में दाम आवासीय के लिए 90 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर और कमर्शियल के लिए 1.30 लाख प्रति वर्गमीटर तय हुए। इसी को लेकर ग्रुप के प्रमुख दीपक कालरा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

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यह गंभीर आरोप कालरा के जरिए लगाए गए

कालरा ने याचिका में आरोप लगाए हैं कि जिला मूल्यांकन कमेटी ने अन्य पास की मल्टी स्टोरी वालों को लाभ देने के लिए उनके दाम अधिक तय किए हैं। इससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

बिल्डर दीपक कालरा ने दावा किया कि पहले यह दाम आवासीय में 35 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर और आवासीय के लिए 70 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर प्रस्तावित हुए। इस पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी। वहीं, जब फाइनल दाम आए तो इन्हें 90 हजार और 1.30 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिए गए थे। यह प्रस्तावित दामों से ढाई गुना अधिक थे।

बिना किसी नियम कायदे के यह किया गया था। इसके लिए आवेदक ने इसलिए आपत्ति नहीं ली क्योंकि प्रस्तावित दाम से वह संतुष्ट थे। वहीं, अंतिम दाम में यह ढाई गुना अधिक कर दिए गए। इसके लिए नियमों का पालन नहीं किया गया था।

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सरकार ने इस तरह खोली पोल

सरकार ने इस मामले में कालरा ग्रुप की पोल खोल दी है। उन्होंने अपने लंबे-चौड़े दिए गए जवाब में बताया है कि संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर पर सभी दाम अपलोड किए गए थे। वहीं, संबंधित के जरिए कोई आपत्ति नहीं ली गई।

यह भी बताया कि जो आरोप लगाया जा रहा है कि पास की मल्टी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया, वह सरासर झूठा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि पास की मल्टी साहिल ग्रांड और साहिल एलीगेंट में भी यही दाम रिवाइज करके किए गए हैं।

साहिल ग्रांड में दाम आवासीय के एक लाख रुपए प्रति वर्गमीटर और आवासीय के 1.30 लाख रुपए किए गए है। इसी तरह एलीगेंट में 90 हजार और 1.30 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर रखे गए हैं।

वहीं सरकार ने बताया कि कालरा के NRK LUXE प्रोजेक्ट में जी 2 व जी 3 यूनिट को मॉर्टगेज रखा गया है। इसका आईसीआईसीआई बैंक ने मूल्यांकन 16 करोड़ रुपए किया है। इसका मतलब यह 3.33 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर रखा गया है।

इस हिसाब से साफ है कि गाइडलाइन में तो व्यावसायिक के दाम केवल 1.30 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर रखा गया जो वास्तविक बाजार के दाम से भी कम है। खुद बैंक का वैल्यूअर यह मूल्यांकन कर रहा है। इस यूनिट पर इसी वैल्यूशन के हिसाब से 10 करोड़ की राशि ली गई है। इस तरह कालरा ग्रुप के जरिए जिला मूल्यांकन कमेटी, सेंट्रल मूल्यांकन कमेटी पर उठाए गए सारे सवाल निराधार हैं। इसके बाद कालरा ने याचिका वापस ले ली है।

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