खतरे में इंदौर की सुरक्षा, पुलिस थाने में नहीं मिल रही किराएदार, होटल में रुकने वालों की जानकारी

इंदौर में पुलिस थानों में किराएदारों, होटल में रुकने वालों और कामगारों की जानकारी नहीं दी जा रही है। इससे इंदौर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे है। वहीं, दिल्ली ब्लास्ट के बाद पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान शुरू की है। इससे यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

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Sanjay Gupta
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खतरे में इंदौर की सुरक्षा, पुलिस थाने में नहीं मिल रही किराएदार, होटल में रुकने वालों की जानकारी

INDORE. दिल्ली ब्लास्ट के बाद जागी इंदौर पुलिस ने चेकिंग अभियान शुरू किया है। अधिक आवाजाही वाले बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन की जगहों के साथ टूरिज्म स्पॉट और होटल आदि में जांच की जा रही है। इसमें सामने आया कि कई जगहों से प्रतिबंधात्मक धारा होने के बाद भी किराएदारों, कामगारों, होटल में आने वालों की सूची थानों में नहीं दी जा रही है।

एक दिन में बनाए गए 13 केस

सघन चेकिंग के बाद सामने आया कि थानों पर जानकारी देने में लापरवाही की जा रही है। यानी इंदौर में कौन आकर रुककर चला जाए और वारदात कर जाए, यह खबर भी पुलिस को नहीं होगी। पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने प्रतिबंधात्मक धारा के तहत इनकी जानकारी देना अनिवार्य किया है। इसके बाद भी थानों पर सभी जानकारी नहीं दी जा रही है।

इन सभी थानों में बनाए गए केस

  • मल्हारगंज थाने में किराएदार की सूचना नहीं देने पर गुरलेज खान और असीत समंत पर प्रतिबंधात्मक धारा उल्लंघन पर बीएनएस धारा 223 का केस बना है।

  • एरोड्रम थाने में फर्नीचर संचालक रामभरोसे धनगर के जरिए 17 श्रमिक कामगारों की जानकारी नहीं दी गई। इन पर भी केस बना।

  • राजेन्द्र नगर थाने में योगेश मालवीय होटल मिष्ठी पैलेस में रुकने वालों की जानकारी नहीं देने पर केस बना, तो होटल सगुन पर भी केस बनाया गया।

  • गांधी नगर थाने में होटल संचालक पर केस बनाया गया। इसी तरह द्रौपदी बाई द्वारा किराएदारों की जानकारी नहीं देने पर केस बना।

  • एमजी रोड थाने पर भारत चौरसिया पर किराएदार की जानकारी नहीं देने पर केस बना।

  • बाणगंगा थाने में ओमप्रकाश पर किराएदार की जानकारी नहीं देने पर केस बनाया गया।

  • रावजी बाजार में आवेश अंसारी ने कामगारों की सूचना नहीं दी।

  • भंवरकुआं थाने में गोरेश उधमदासनी ने होस्टल में रुकने वालों की जानकारी नहीं दी। वहीं विवेक पाहूजा के जरिए भी होस्टल को लेकर थाने पर जानकारी नहीं दी गई।

  • चंदननगर में मोहम्मद साबिर के जरिए किराएदारों की जानकारी नहीं दी।

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FAQ

प्रतिबंधात्मक धारा क्या है?
प्रतिबंधात्मक धारा वह कानूनी धारा होती है। यह किसी व्यक्ति या संस्था को किसी विशेष कार्य को करने से रोकने के लिए निर्धारित की जाती है। इसे अदालत के जरिए जारी किया जाता है। वहीं, इसका उद्देश्य किसी अन्य व्यक्ति के अधिकारों या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचाना होता है। इसे आमतौर पर इंजंक्शन भी कहा जाता है।
बीएनएस धारा 223 क्या है?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 223 के तहत किसी अपराधी को गैरकानूनी तरीके से भागने में मदद देने या शरण देने पर सजा का प्रावधान है। इसका उद्देश्य अपराधियों को शरण देने या उन्हें भागने में मदद करने वाले व्यक्तियों को दंडित करना है।

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