इंदौर कलेक्ट्रेट में संवाद कक्ष बनाया गया है, सात दिन पहले कलेक्टर आशीष सिंह की अनूठी पहल के तहत यह कक्ष बनाया गया है। इसका काम है कि राजस्व काम के लिए आवेदन करने वालों को फोन करके पूछना कि उन्हें काम के लिए कोई परेशान तो नहीं कर रहा है, कहीं रिश्वत तो नहीं मांगी जा रही है। अब इस कक्ष से गए फोन ने कमाल दिखाना और तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों की तिकड़ी की पोल खोलना शुरू कर दिया है।
लापरवाही बरतने पर 3 पटवारी सस्पेंड
बीते 6 माह में इंदौर जिले में निराकृत किए गए सभी राजस्व प्रकरणों से संबंधित प्रत्येक आवेदकों से उनका फीडबैक और संतुष्टि का स्तर फोन कर पता किया जा रहा है। जिले में राजस्व प्रकरणों के निराकरण को लेकर फोन से मिले फीडबैक के आधार पर लापरवाही बरतने पर तीन पटवारियों को निलंबित किया गया है। जिन्हें निलंबित किया गया है उनमें महू क्षेत्र के नागेंद्र ग्वाले, आकाशदीप भरकुण्डिया और देपालपुर क्षेत्र की अर्चना सांवले शामिल हैं।
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कलेक्टर बोले- लापरवाही बर्दाश्त नहीं
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने शनिवार को सभी अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित अन्य राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी पूरी लगन, मेहनत, ईमानदारी, कर्मठता के साथ सुविधापूर्वक पारदर्शी रूप से कार्य करें। उदासीनता और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी। लापरवाही और उदासीनता बरतने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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लगातार जाएंगे कलेक्टोरेट से फोन
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि सुशासन संवाद केंद्र से इस फोन पर चर्चा कर फीडबैक और संतुष्टि का स्तर पता किया जाएगा। यह भी पता किया जाएगा कि उन्हें किसी तरह की परेशानी तो नहीं हुई है। आवेदकों के फीडबैक और संतुष्टि स्तर को पंजीबद्ध भी किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें।
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