इंदौर में DCP ने Addl. DCP और ACP को हटाने के लिए सीपी को लिखा पत्र

शहर के जोन 1 के डीसीपी विनोद कुमार मीना ने एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा और आजाद नगर एसीपी हिमांशु कार्तिकेय को हटाने के लिए पुलिस कमिश्नर को पिछले महीने पत्र लिख चुके हैं।

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Vishwanath Singh
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इंदौर के पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह का सख्त आदेश है कि सभी पुलिस अफसर मैदान में दिखाई दें, ताकि जनता में विश्वास पैदा हो और उनका पुलिस के प्रति सम्मान बड़े। हालांकि यह अलग बात है कि उनके दो वरिष्ठ पुलिस अफसर एडीशनल डीसीपी आलोक शर्मा और एसीपी हिमांशु कार्तिकेय ना तो मैदान में दिखाई दे रहे हैं और ना ही अपराधियों को पकड़ने में खासी रुचि रख रहे हैं।

इसका खुलासा हाल ही में एक पत्र के जरिए हुआ है। यह पत्र किसी और ने नहीं, बल्कि खुद डीसीपी जोन 1 विनोद मीणा ने कमिश्नर संतोष कुमार सिंह को लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि इन दोनों पुलिस अफसरों की कार्यशैली लापरवाही पूर्वक है और ये कर्तव्य का पालन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में इन दोनों को हटाया जाए। हालांकि अभी तक सीपी की तरफ से इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

गैर-जिम्मेदाराना रवैया है दोनों अफसरों का

शहर के जोन 1 के डीसीपी विनोद कुमार मीना ने एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा और आजाद नगर एसीपी हिमांशु कार्तिकेय को हटाने के लिए पुलिस कमिश्नर को पिछले महीने पत्र लिख चुके हैं। डीसीपी ने दोनों अधिकारियों पर काम में लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये के चलते ये पत्र लिखे हैं।

सूत्रों के मुताबिक डीसीपी विनोद कुमार मीना ने अपने पत्र में लिखा है कि एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा फील्ड में सक्रिय नहीं रहते और अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब डीसीपी ने उनके खिलाफ शिकायत की है। छह महीने पहले भी डीसीपी ने आलोक शर्मा को हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

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आजाद नगर एसीपी हिमाशु कार्तिकेय को सटोरिए ने दे दिया था बुके

 

फील्ड से रहते हैं गायब

सूत्रों के मुताबिक आजाद नगर एसीपी हिमांशु कार्तिकेय को लेकर भी डीसीपी ने नाराजगी जताई है। हिमांशु कार्तिकेय का नाम पहले भी विवादों में रहा है, जब उनकी एक फोटो सटोरिए के साथ वायरल हुई थी। उस मामले में उन्हें पुलिस कमिश्नर ने सजा के तौर पर कमिश्नर ऑफिस में अटैच किया था।

 इसके बाद उनकी कार्यशैली को लेकर लगातार शिकायतें आती रहीं। दोनों अधिकारी क्षेत्र में प्रभावी काम नहीं कर रहे और उनकी लापरवाही से कानून व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। साथ ही वे फील्ड में गायब रहते हैं।

लेन-देन के गंभीर आरोप

डीसीपी मीणा द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह इन अधिकारियों पर कब और क्या कार्रवाई करेंगे? इन दोनों अधिकारियों की विभाग में इतनी तगड़ी सेटिंग है कि क्यों इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह इनको हटा भी नहीं पा रहे हैं। बताया जाता है कि डीसीपी मीणा ने आलोक शर्मा को हटाने के लिए पुलिस कमिश्नर को दूसरी बार पत्र लिखा है। इसके पूर्व में भी उन्होंने एक पत्र और तत्कालीन पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर को भी लिखा था। उस समय भी कार्रवाई नहीं हो पाई थी। उसके बाद अब एक बार फिर पिछले महीने पत्र लिखा है।

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वीआईपी ड्यूटी में रहे थे गैर–हाजिर

गौरतलब है कि ये आलोक शर्मा वे ही हैं जो वीआइपी ड्यूटी के दौरान गैरहाजिर रहे थे। उसी दौरान डीसीपी मौके पर पहुंच गए थे। तब डीसीपी ने आलोक शर्मा की गैरहाजरी डाली थी। बताया जाता है कि डीसीपी इनकी कार्यप्रणाली से इतने खफा हो गए थे कि उसके बाद से ही इनकी हाजिरी एक सिपाही की तरह ही लगाई जाने लगी।

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एडीशनल डीसीपी आलोक शर्मा पर करोड़ों की हेराफेरी का आरोप

सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों एक ट्रेवल्स की बस से लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपए पुलिस ने जब्त किए थे। बताया गया कि वह राशि लगभग साढ़े 6 करोड़ रुपए थी। उसमें पकड़े गए आरोपी के साथ मिलकर आलोक शर्मा ने सौदेबाजी की है। यह भी जानकारी मिली है कि मुख्य आरोपी से कहा गया कि अगर पूरे साढ़े 6 करोड़ रुपए जब्त हुए तो इसके दोगुना टैक्स भरना होगा।

ऐसे में कम राशि जप्ती में दिखाई गई और बाकी के पैसे में खेल कर लिया। इसकी शिकायत किसी ने वरिष्ठ अफसरों को कर दी। बताया गया कि जिस ट्रैवल्स से ये पैसा पकड़ा गया उस ट्रैवल्स वाले की दो बसें हालही में जल गई थीं। इससे वह घाटे में चल रहा था। इस बंटवारे में ट्रैवल्स वाले के हिस्सेदार होने की भी बात कही जा रही है।

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जमीन के मामले में एफआईआर ना करने में भी किया बड़ा खेल

एडी.डीसीपी आलोक शर्मा को लेकर एक और शिकायत वरिष्ठ अफसरों तक पहुंची थी। बताया जाता है कि एयरपोर्ट क्षेत्र की एक जमीन के मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से एफआईआर कराई जानी थी। उसकी फाइल जब इनके पास पहुंची तो दूसरा पक्ष एफआईआर नहीं करने को लेकर इनसे मुलाकात कर गया। इसके लिए दूसरे पक्ष ने शर्मा को अच्छा खासा मान सम्मान किया था। इसके बाद शर्मा ने उस मामले में ऐसा फर्जी पेंच फंसाया कि पीड़ित पक्ष दो महीने से एफआईआर पुलिस अफसरों के चक्कर ही काट रहा है।

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सिंघम की तरह गाड़ी पर चड़कर किया था स्टंट

इंदौर के आजाद नगर एसीपी हिमांशु कार्तिकेय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। जिसमें वे अपनी सरकारी जीप पर लटकते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 29 मार्च को आयोजित बजरंग दल के शौर्य दिवस कार्यक्रम के दौरान का था। जब वे सरकारी जीप पर लटकते हुए दिखाई दे रहे थे।

उस दिन आजाद नगर पुलिस के साथ एसीपी भी ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान उन्होंने ट्रैफिक को क्लियर करने के लिए जीप पर लटक कर काम किया था। इस घटना को मौके पर मौजूद लोगों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया और बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 

शर्मा की सरपरस्ती में ही फला-फूला नशे का कारोबार

इसके साथ ही आजाद नगर में भी आलोक शर्मा एसीपी रहे हैं। जिनके कार्यकाल में ड्रग्स का धंधा फला फूला है, जिसके कई आरोप एसीपी रहते हुए आलोक शर्मा पर लगे थे। पिछले दिनों एक पुलिस जवान लखन जाट के पकड़े जाने के बाद पूरे रैकेट का भांडा फूटा था। उसके बाद कई सारे पुलिस जवानों के नाम को ड्रग्स के रैकेट से जोड़ा जाकर देखा जाने लगा था। 

 

 

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