INDORE. एमजीएम मेडिकल कॉलेज (Government Dental College) में डीन की कुर्सी के चले किस्से के बाद अब सरकारी डेंटल कॉलेज के प्राचार्य की कुर्सी का किस्सा भी चर्चा में हैं। दो दिन पहले प्राचार्य पद से डॉ. संध्या जैन (Dr. Sandhya Jain) को हटाकर मध्य प्रदेश शासन ने डॉ. अलका गुप्ता (Dr. Alka Gupta) को प्राचार्य पद सौंप दिया। लेकिन डॉ. जैन तत्काल हाईकोर्ट गईं और फिर कुर्सी डॉ. जैन को दी गई।
हाईकोर्ट में यह रखा गया पक्ष
हाईकोर्ट में डॉ. जैन ने यह पक्ष रखा कि वह पीएससी से चयनित है और सबसे सीनियर प्रोफेसर है। ऐसे में सीनियरटी के अनुसार वह प्राचार्य पद के योग्य है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद शासन के आदेश को रोकते हुए डॉ. जैन को फिर से प्राचार्य पद का जिम्मा दिया। हालांकि कुर्सी बचाने के लिए डॉ. गुप्ता ने कैविएट भी दायर की थी, लेकिन इससे बात नहीं बनी।
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नेमप्लेट दूसरी देख भड़कीं डॉ. जैन
वहीं जब हाईकोर्ट के आदेश के बाद डॉ. जैन फिर से कॉलेज में अपने कक्ष में पद लेने पहुंचीं तो वहां डॉ. गुप्ता की नेमप्लेट देखकर चौंक गई और कर्मचारियों को फटकार लगाई और पूछा कि यह नेमप्लेट किसने हटाई। हालांकि किसी के पास इसका जवाब नहीं था। साथ ही ऑफिस का ताला भी लगा था, फिर उन्होंने इसकी चाबी बुलवाई। डॉ. जैन, पूर्व प्राचार्य डॉ. देशराज जैन की पत्नी हैं, जिनके रिटायर होने के बाद करीब डेढ़ साल पहले सीनियरटी के आधार पर डॉ. संध्या जैन को प्राचार्य पद दिया गया था।
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