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INDORE. इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला अपनी धार्मिक गतिविधियों के कारण सनातनी विधायक के रूप में पहचान रखते हैं। इनके सभी पोस्टरों में सनातनी विधायक लिखा होता है। सभी साथी नेता भी उन्हें इसी नाम से पुकारते हैं। वही, अब इसी संबोधन ने बवाल कर दिया है। इसके बाद इसे हटाना पड़ा।
यूनिवर्सिटी के आमंत्रण पत्र में हुआ बवाल
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के जरिए 10 नवंबर को स्वदेशी स्वावलंबन मेला आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन स्वदेशी जागरण मंच के साथ किया जाएगा। इस आयोजन के आमंत्रण पत्र में पहले मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक गोलू शुक्ला का नाम लिखा था।
इसमें भी पूरा लिखा गया था- मुख्य अतिथि सनातनी विधायक गोलू शुक्लाजी। साथ में संरक्षक के तौर पर कुलगुरू प्रोफेसर राकेश सिंघई और कुलसचिव प्रज्वल खरे का नाम था।
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सनातनी के बाद हुआ बवाल, तो दूसरा छपा
इसके बाद बवाल हो गया। विश्वविद्यालय में इसे लेकर शिकायतें हुईं। इसमें कहा गया कि किसी विधायक के नाम के आगे सनातनी कैसे लिखा जा सकता है, यह उनका नाम नहीं है। यहां तक कि यह भी कहा गया कि क्या इसका मतलब है कि बाकी सभी नेता और अन्य लोग गैर-सनातनी हैं।
ऐसे तो फिर विधायक रमेश मेंदोला के साथ दादा दयालु लिख दो। सांसद शंकर लालवानी के साथ सिंधी नेता कर दो। इस शिकायत के बाद हंगामा मच गया। इसके बाद नया आमंत्रण पत्र छपा गया। इसमें गोलू शुक्ला के आगे सनातनी शब्द हटा कर लिखा गया- मुख्य अतिथि गोलू शुक्ला, माननीय विधायक क्षेत्र क्रमांक 3, इंदौर।
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हिंदुत्व की छवि बनाने में जुटे हैं विधायक
विधायक गोलू शुक्ला लगातार अपनी छवि हिंदुत्ववादी नेता की बनाने में जुटे हैं। उनके हर पोस्टर में सनातनी विधायक लिखा होता है। वह अपने क्षेत्र में लगातार धार्मिक आयोजन कराते हैं। साथ ही, कई सालों से बाणेश्वर कावड़ यात्रा का भी आयोजन कर रहे हैं।
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