इंदौर हाईकोर्ट पहुंचे सीए, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की समयसीमा बढ़ाने की मांग,  CBDT को बनाया पक्षकार

वित्तीय वर्ष 2024-25 के टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 है। इस तिथि को बढ़ाने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। 

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Sanjay Gupta
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वित्तीय साल 2024-25 (टैक्स एसेसमेंट ईयर 2025-26) की टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 है। लेकिन अब इसे बढ़ाने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में सीए ने याचिका दायर कर दी है। 

पहले की की गई सीबीडीटी से मांग 

देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट संगठनों और टैक्स लॉ बार एसोसिएशनों ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से समयसीमा 30 नवंबर 2025 तक बढ़ाने की मांग की थी। बावजूद इसके, CBDT इस बार समयसीमा बढ़ाने को तैयार नहीं दिख रहा। इसके बाद यह याचिका दायर हुई है।

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इन्होंने लगाई है याचिका 

ऐसे में, इंदौर के सीए निलेश माहेश्वरी (M/s VND & Associates) ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी ओर से अधिवक्ता आनंद सोलंकी और अपूर्वा झा पैरवी करेंगे। इस मामले की सुनवाई 26 सितंबर 2025 को होने की संभावना है।

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यह है मुख्य मुद्दा

आमतौर पर आयकर विभाग नॉन-कार्पोरेट आयकर रिटर्न (ITR) की अंतिम तिथि के बाद टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कम से कम 60 दिन का समय देता रहा है। लेकिन इस साल नॉन-कार्पोरेट ITR की समयसीमा 16 सितम्बर 2025 तक बढ़ाई गई इस कारण टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सिर्फ 14 दिन का समय बचा।

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याचिका में प्रमुख तर्क

a) आयकर पोर्टल पर लगातार तकनीकी दिक्कतें।

b) टैक्स ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने और दाखिल करने के लिए केवल 14 दिन का समय।

c) व्यक्तिगत नॉन-ऑडिट ITR की तारीख तो बढ़ाई गई, लेकिन टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की नहीं।

याचिकाकर्ता का कहना है कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई तो कई करदाताओं पर समय पर रिपोर्ट दाखिल न कर पाने की वजह से 1.5 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। इसी कारण न्यायालय से अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 तक बढ़ाने की अपील की गई है।

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टैक्स एसोसिएशन यह बोले

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने बताया कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में क्लाइंट के सभी महत्वपूर्ण वित्तीय विवरणों का ऑडिट करना होता है। इसके बाद डिटेल्ड रिपोर्ट ऑनलाइन फाइल करनी होती है।

आयकर के पोर्टल से जीएसटी सहित अन्य पोर्टल पर रियल टाइम डेटा शेयरिंग होने से जरा सी भी चूक से क्लाइंट को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि एक टैक्स ऑडिट पूरा करने में तीन से चार दिन का औसतन समय लगता है।

एक सीए अधिकतम 60  टैक्स ऑडिट कर सकता है। ऐसे में अकाउंट फाइनलाइजेशन, डिटेल्ड ऑडिट प्रोसीजर तथा ऑडिट फाइनलाइजेशन इतने कम समय में करना असंभव कार्य है। कई रिप्रजेंटेशन का बावजूद सरकार डेट एक्सटेंशन के मूड में नहीं दिख रही ऐसे में यह जनहित याचिका ऑडिटर्स तथा व्यापारियों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आई है।

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