द सूत्र की खबर के बाद मेडिकल दुकानों पर पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर, बंद करवाए
ड्रग इंस्पेक्टर जब दुकानों पर कार्रवाई के लिए पहुंचे तो दुकान संचालक अलग–अलग तरह से बहाने बनाने लगे कि ये दवाईयां उनकी दुकानों से नहीं खरीदी गई हैं। वे तो ये दवाईयां बेचते ही नहीं हैं। हमें नहीं पता दुकान से किसने ये दवाईयां दी हैं।
इंदौर के मूसाखेड़ी और रोबोट चौराहा क्षेत्र में बिना डॉक्टर की पर्ची के गर्भ गिराने के लिए मेडले और डीकेटी इंडिया कंपनी की दवाई बेचे जाने को लेकर द सूत्र ने बड़ा खुलासा किया था। इसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने इसमें तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई के आदेश दिए। अपर कलेक्टर आईएएस गौरव बैनल ने टीम बनाकर मौके पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे और 5 मेडिकल दुकानों को बंद करवाया। वहीं, निरीक्षण में दो और दुकानों पर भी अनियमितता मिलने पर उन्हें अपना रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। यहां पर फार्मासिस्ट भी नहीं मिले थे।
दुकानों पर दिनभर हुई कार्रवाई
ड्रग इंस्पेक्टर जब दुकानों पर कार्रवाई के लिए पहुंचे तो दुकान संचालक अलग–अलग तरह से बहाने बनाने लगे कि ये दवाईयां उनकी दुकानों से नहीं खरीदी गई हैं। वे तो ये दवाईयां बेचते ही नहीं हैं। हमें नहीं पता दुकान से किसने ये दवाईयां दी हैं। ये दवाई तो कोई और हमारी दुकान पर लेकर आया और हमसे इसे लेने के बारे में पूछ रहा था। इस पर जब ड्रग इंस्पेक्टरों ने उन्हें स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो दिखाए जिसमें उनकी दुकानों से ही दवाईयां दिया जाना दिख रहा है तो उनकी बोलती बंद हो गई। इसके बाद उनकी दुकानों को बंद करवाया गया।
ड्रग इंस्पेक्टर योगेश गुप्ता ने बताया कि द सूत्र के स्टिंग ऑपरेशन में जिन दुकानों के वीडियो थे उन पर कार्रवाई की गई है। इसमें श्री बालाजी मेडिकल, बालाजी केमिस्ट की दो दुकानें, पारस मेडिकल और आदर्श मेडिकल (प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र) शामिल हैं। इन दुकानों का कामकाज संदेहास्पद मानते हुए प्रारंभिक तौर पर बंद करवा दिया है। इनसे खरीदी बिक्री का रिकॉर्ड मांगा गया है। इन दुकानों के प्रोपराइटरों को वीडियो में दिख रही गतिविधियों के आधार पर नोटिस दिया जाएगा और उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। संचालकाें का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक मूसाखेड़ी और रोबोट चौराहे के आसपास की दुकानों से गर्भ गिराने की दवाएं बेचे जाने को लेकर लंबे समय से शिकायतें ड्रग डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अफसरों को की जा रही थीं, लेकिन पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण ये मेडिकल दुकान वाले हर बार किसी ना किसी तरह से कार्रवाई से बच निकलते थे। इस बार वीडियो से स्पष्ट होने के कारण वे अपनी सफाई में कुछ बोल ही नहीं पाए।