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इंदौर में झांझरिया ज्वेलर्स के साथ हुई दस लाख की अनूठी ठगी के मामले में पुलिस की तत्परता से आरोपी 10 घंटे में ही शताब्दी ट्रेन में ग्वालियर में पकड़ा गए। ठगी करने के बाद आरोपी कार से भोपाल गए थे और वहां से शताब्दी पकड़कर दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। जहां बीच में ही रेलवे पुलिस की मदद से उन्हें धर लिया गया।
गिरफ्तार हुए आरोपी
1.विशाल शेरा उम्र 48 साल नि. सूर्या अपार्टमेंन्ट विपिन गार्डन के पास वेस्ट दिल्ली
2.प्रमोद सेन उम्र 50 साल निवासी बस स्टेंड के पीछे गंगेश्वर कालोनी थाना कासगंज जिला कासगंज उत्तर प्रदेश ( अपाहिज )
आरोपी शेरा पर दिल्ली में तीन केस पहले से दर्ज है।
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इस तरह की ठगी
इंदौर लसूडिया पुलिस को 20 सितंबर को झांझरिया ज्वेलर्स के कर्मचारी पवन चौहान ने शिकायत दर्ज कराई। बताया कि 19 सितंबर को एक व्यक्ति ने खुद को केवल गुप्ता बताकर कहा कि मैं आपके शोरूम पर कई बार खरीदी कर चुका हूं। विकलांग हूं इसलिए इस लिये शोरूम पर नहीं आ सकता हूं आप मुझे वाट्स एप पर कुछ चेन व ब्रेसलेट, कड़े भेज दीजिए।
इन पर विश्वास कर हमनें इन्हे कुछ चेन व कड़ो की फोटो भेजी जिनमें से दो चेन व दो कड़े इन्होने पसंद किए। फिर कहा कि 20 सितंबर को सुबह 09.30 बजे फ्लेट क्रमांक 501 पिनेकल ड्रीम्स निपानिया इन्दौर पर भिजवा दीजिए। कर्मचारी 20 सितंबर को 2 सोने की चेन व 2 सोने के कड़े जिनकी कीमत 10 लाख 50 हजार रुपए थी को लेकर पते पर गया।
वहां विकलांग व्यक्ति आया और फिर कहा कि मैं नीचे भाभी को ज्वेलरी दिखाकर आता हूं आप बैठिए। लेकिन वह फिर आया नहींं, मुझे शक हुआ तो नीचे गया तो वह ग्रे रंग की स्विफ्ट डिजायर कार में बैठता दिखाई दिया साथ ही आगे एक व्यक्ति और बैठता दिखाई दिया मैने आवाज लगाई लेकिन यह नहीं रुके और भाग गए।
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सीसीटीवी से इस तरह पुलिस पहुंची
पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह और एडिशनल सीापी अमित सिंह ने जांच के आदश दिए, डीसीपी जोन टू कुमार प्रतीक द्वारा एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह व एसीपी विजयनगर आदित्य पटले के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई। इसमें सीसीटीवी से कार का पता लगया गया, कार वाले ने बताया कि उन्हें बायपास ओमेक्स सिटी छोड़ा है। वहां सीसीटीवी से फिर पता चला कि वह दूसरी कार से गए।
उस कार चालक का पता चलने पर जानकारी मिली वह भोपाल शताब्दी ट्रेन से गए हैं। रेलवे इंदौर जी.आर.पी. इन्दौर में तैनात डी.एस.पी.ज्योती शर्मा के माध्यम से जी.आर.पी. थाना प्रभारी ग्वालियर निरीक्षक बबीता कटारिया से संपर्क कर आरोपियों के सी.सी.टी.वी. से प्राप्त फोटो व घटना की जानकारी साझा की गई।
कटारिया द्वारा अपनी टीम के साथ प्राप्त हुलिये के आधार पर दोनो आरोपियों की तलाश शताब्दी एक्सप्रेस में की गई तो दोनो आरोपी ट्रेन के आखरी डिब्बे में मिले, उनके पास ज्वेलरी भी मिल गई।
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फ्लैट किराए पर लिया, खुद का बताया
आरोपियों से पूछताछ पर जानकारी प्राप्त हुई कि आरोपियों द्वारा ऑनलाईन एयर बीएनबी के माध्यम से निपानिया स्थित पिनेकल ड्रीम्स में फ्लेट बुक कराया था, लेकिन फ्लेट संचालक को कोई पहचान पत्र नहीं प्रदाय किया था ना ही फ्लेट संचालक द्वारा कोई पहचान पत्र की इनसे मांग की गई। बाद आरोपीगण द्वारा उक्त मल्टी में काम करने वाले नौकरों को अपने फ्लेट में यह बोलकर काम पर रख लिया कि हमनें यह फ्लेट खरीद लिया है तथा मल्टी में काम करने वाले गेटकीपर को भी यही जानकारी दी कि हमनें यह फ्लेट खरीद लिया है।
इसके बाद दोनो आरोपियों नें इन्दौर शहर में घूम फिर कर अलग अलग ज्वेलर्स के मोबाईल नंबर प्राप्त किया व फोन के माध्यम से ज्वेलर्स से संपर्क कर एक आरोपी नें बताया कि मै विकलांग हूँ शोरूम पर आनें में असमर्थ हूँ आप ज्वेलरी मेरे फ्लेट पर भेज दीजिये और पेमेंट कैश में प्राप्त कर लीजिये इस प्रकार इन्दौर शहर के प्रसिद्ध ज्वेलर्स नानाभाई ज्वेलर्स तथा झांजरिया ज्वेलर्स आऱोपीगण के झांसे में आ गए।
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इस काम में इनकी रही अहम भूमिका
कार्रवाई में थाना प्रभारी तारेश कुमार सोनी व उनकी टीम उप निरीक्षक संजय बिश्नोई , प्रधान आरक्षक प्रणीत भदौरिया, प्रधान आरक्षक रविन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक अजय प्रजापति, प्रधान आरक्षक नीरज रघुवंशी, आरक्षक आनंद जाट, आरक्षक दिनेश गुर्जर, आरक्षक हेमराज सिंह, आरक्षक आकाश, आरक्षक रामकुमार, तथा जी.आर.पी.थाना ग्वालियर से निरीक्षक बबीता कटारिया व उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।