इंदौर के खुड़ैल की जमीन पर कनाड़िया पुलिस की एंट्री ने खड़े किए बड़े सवाल

इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र के चौहानखेड़ी गांव में 24 करोड़ रुपए की चार बीघा जमीन का विवाद है। यह जमीन पहले से न्यायालय में विचाराधीन थी। फिर भी प्रशासन ने किसान श्याम जाधव का कब्जा छुड़ाकर दूसरे पक्ष को दे दिया।

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Rahul Dave
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INDORE. इंदौर के खुड़ैल थाना क्षेत्र के चौहानखेड़ी गांव में 24 करोड़ रुपए की चार बीघा जमीन का विवाद सामने आया है। यह जमीन पहले से न्यायालय में विचाराधीन थी। इसके बावजूद प्रशासन ने कथित तौर पर किसान का कब्जा छुड़वाकर दूसरे पक्ष को दे दिया। इस घटनाक्रम ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जमीन के मालिक किसान श्याम जाधव का आरोप है कि उन्होंने न तो अपनी जमीन बेची और न ही रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर किए। इसके बावजूद उनकी जमीन रेखा नाम की महिला के नाम रजिस्टर्ड हो गई। बाद में वही जमीन वीरेंद्र मंडलोई के नाम ट्रांसफर कर दी गई। फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर विवाद शुरू हुआ। शिकायत थाने तक पहुंची और मामला कोर्ट में विचाराधीन हो गया।

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कोर्ट में मामला, फिर भी कब्जे की कार्रवाई

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कोर्ट में मामला लंबित था। इसके बावजूद वीरेंद्र मंडलोई कथित तौर पर तहसीलदार, पटवारी और पुलिस के साथ जमीन पर कब्जा करने पहुंच गया। किसान का आरोप है कि प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से उसे उसकी जमीन से बेदखल कर दिया गया।

थाना सीमा पर बड़ा सवाल

पूरा मामला खुड़ैल थाना क्षेत्र का है, लेकिन मौके पर खुड़ैल पुलिस नहीं, बल्कि कनाड़िया थाना पुलिस पूरी फोर्स के साथ पहुंची। कनाड़िया थाने के टीआई सहर्ष यादव, एसीपी कुंदन मंडलोई और पुलिस बल की मौजूदगी में सीमांकन को लेकर भ्रम की स्थिति रही। महिला तहसीलदार, पटवारी और 5 से 7 वकील भी मौजूद थे। यह स्थिति करीब दो घंटे तक बनी रही। बाद में एक वकील द्वारा 112 पर कॉल करने के बाद आगे की कार्रवाई की गई। यानी जिस इलाके की जिम्मेदारी खुड़ैल पुलिस की थी। वहां कनाड़िया पुलिस ने कार्रवाई की और यही सबसे बड़ा सवाल बन गया।

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खड़ी फसल पर चला ट्रैक्टर

किसान श्याम जाधव का आरोप है कि जिस जमीन पर उनका वर्तमान में कब्जा था। वहां खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया गया। बताया जा रहा है कि कार्रवाई से ठीक एक दिन पहले नोटिस दिया गया था। ट्रैक्टर चलने के बाद तहसीलदार, पटवारी और पुलिस बल अचानक मौके से गायब हो गए।

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पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

कनाड़िया थाने के टीआई यादव खुद कब्जा दिलाने मौके पर पहुंचे, जबकि मामला खुड़ैल थाने का था। जब इस पर सवाल उठाया गया तो सीमा विवाद को लेकर गोलमोल जवाब दिए गए। जब खुड़ैल क्षेत्र के बीट प्रभारी देवेश पाल से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि यह इलाका खुड़ैल थाना क्षेत्र में आता है। वे वहीं पदस्थ हैं।

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पहले भी बिक चुकी है जमीन

विवादित जमीन को लेकर पहले भी दो से तीन लोगों को बिक्री की बातें सामने आई हैं। इससे पूरा मामला और उलझ गया है। कोर्ट में लंबित प्रकरण के बावजूद इस तरह की कार्रवाई को लेकर किसान पक्ष ने कानूनी लड़ाई तेज करने के संकेत दिए हैं।

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जवाब भी सवालों के घेरे में

वीरेंद्र मंडलोई का कहना है कि वह कानूनी रूप से सही हैं। जब तहसीलदार का आदेश या दस्तावेज दिखाने को कहा गया, तो उन्होंने इनकार किया। उन्होंने कहा, आप ही निकाल लो। कनाड़िया टीआई सहर्ष यादव ने कहा कि एसडीएम कार्यालय से पत्र आने पर टीम मौके पर गई थी। हालांकि, थाना सीमा पर सवाल उठने पर जवाब स्पष्ट नहीं था।

मध्यप्रदेश इंदौर पुलिस जमीन विवाद तहसीलदार
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