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Indore @ राहुल दवे
इंदौर के नंदलालपुरा में किन्नर समुदाय के बीच एक नया विवाद सामने आया है। बुधवार रात 24 किन्नरों ने एक साथ फिनाइल पी लिया था, जिससे पूरे शहर में हलचल मच गई थी। अब पुलिस ने नंदलालपुरा डेरे में रहने वाले सभी किन्नरों का मेडिकल टेस्ट कराने का फैसला किया है।
हालांकि, सवाल ये उठ रहा है कि अगर चार महीने पहले बनाई गई एसआईटी ने सही समय पर कार्रवाई की होती, तो यह विवाद इतना नहीं बढ़ता।
चार महीने पहले बनी थी SIT, मगर कार्रवाई ‘सिर्फ कागज़ों में
दरअसल, किन्नर सपना गुरु और पायल गुरु के बीच विवाद नया नहीं है। 30 मई 2025 को सपना के कमरे का ताला तोड़कर उसका सामान चोरी किया गया था। इस मामले की रिपोर्ट पंढरीनाथ थाने में दर्ज की गई थी।
इसके बाद जांच अधिकारी टीआई अजय नायर (इंदौर पुलिस ) ने न तो किसी का बयान लिया और न ही गंभीरता दिखाई। महज 20 दिन में प्रकरण बंद कर दिया गया।
जब मामला वरिष्ठ अफसरों तक पहुंचा, तब जाकर ऋषिकेश मीणा के निर्देशन में एसआईटी गठित की गई। इसमें एडिशनल डीसीपी आनंद यादव, एसीपी हेमंत चौहान और टीआई पंढरीनाथ को शामिल किया गया। मीणा और यादव के तबादले के बाद जांच ठंडी पड़ गई। न किसी का बयान लिया गया, न किसी की जवाबदेही तय की गई।
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अब बीजेपी नेताओं की एंट्री — मेडिकल और मनी ट्रेल की जांच की मांग
घटना (इंदौर किन्नर विवाद) के अगले दिन इंदौर बीजेपी नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, मधु वर्मा, महेन्द्र हार्डिया, मालिनी गौड़ और गोलू शुक्ला का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिला।
उन्होंने सभी किन्नरों के मेडिकल टेस्ट, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, पंजीयन और सीमा-पायल के मालेगांव कनेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की मांग की।
बीजेपी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ गुटों द्वारा टेरर फंडिंग, धर्मांतरण और एचआईवी संक्रमण फैलाने जैसी गतिविधियाँ हो रही हैं।
वहीं, प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने दावा किया है कि किन्नरों को गर्म सरियों से जलाया जा रहा है, और कई संक्रमित हैं — हमारे पास सबूत हैं,” एक सदस्य ने दावा किया।
फील्ड में नहीं, फाइलों में चल रही थी जांच
एसआईटी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए वकील नायडु और सचिन सोनकर ने कहा कि चार महीने में एक भी बयान दर्ज न होना बताता है कि जांच सिर्फ कागजों में चल रही थी। अगर पुलिस सक्रिय रहती, तो आज 24 जानें खतरे में नहीं आतीं।
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पुलिस कमिश्नर ने माना- होगी नई जांच, तय होगी जवाबदेही
45 मिनट चली बैठक में पुलिस कमिश्नर ने सभी सुझावों से सहमति जताई और कहा कि नई जांच टीम बनाई जाएगी तथा एक आईपीएस अधिकारी को पूरे प्रकरण की निगरानी की जिम्मेदारी दी जाएगी।
त्योहारों से पहले बिगड़ी फिजा, अब सवाल पुलिस पर
त्योहारों से पहले हुई इस घटना ने शहर की हवा को खराब कर दिया। अब सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं, और मामला पुलिस की लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है। लोग कह रहे हैं कि अगर एसआईटी ने समय पर कार्रवाई की होती, तो न तो ये बवाल होता, न ही किन्नरों को जहर पीने की नौबत आती।