बमकांड पर सुमित्रा महाजन बोलीं- लोग कह रहे वह NOTA चुनेंगे, BJP का किया अच्छा नहीं लगा

इंदौर से पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम की बीजेपी की एंट्री से खुश नहीं है। बमकांड को लेकर महाजन ने कहा कि घटनाक्रम पर हैरानी जताते हुए लोग बोल रहे कि वह अब NOTA को चुनेंगे। बीजेपी ने ठीक नहीं किया।

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Vikram Jain
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संजय गुप्ता, INDORE. पूर्व स्पीकर व सांसद सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) यानि इंदौर की ताई बमकांड से खुश नहीं है। वह इस घटना से हैरान है। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि लोग मुझे फोन करके बोल रहे है कि वह अब NOTA को चुनेंगे, क्योंकि जो बीजेपी ने किया वह उन्हें अच्छा नहीं लगा। ताई ने यह भी कहा कि उन्हें इस पूरे घटनाक्रम ( अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) के पर्चा वापस लेकर बीजेपी में आने) की जानकारी नहीं थी।

बम के पर्चा वापस लेने से चौंक गई ताई

इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के बीजेपी में आने की घटना पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवार के पर्चा वापस लेने के बारे में जानकर मैं आश्चर्यचकित रह गई कि यह क्या हो गया? ऐसा नहीं होना चाहिए था। ताई ने कहा कि इस घटनाक्रम की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि दीवार पर लिखा हुआ है कि इंदौर में बीजेपी को कोई भी नहीं हरा सकता। कांग्रेस उम्मीदवार को ऐन चुनाव से पहले ऐसा नहीं करना चाहिए था। उसने एक तरह से अपनी पार्टी (कांग्रेस) से भी धोखा किया, लेकिन मैं ऐसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों करू?

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समझाया इसमें बीजेपी की भूमिका नहीं

ताई ने आगे कहा कि मैंने उन लोगों को समझाया कि इस प्रकरण में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी अपनी मूल विचारधारा पर अडिग होकर काम कर रही है और हमारे उम्मीदवार (शंकर लालवानी) (Shankar Lalwani) मैदान में हैं, इसलिए उन्हें नोटा के बजाय बीजेपी को वोट देना चाहिए।

राहुल गांधी ने जताई थी हैरानी

इस मामले में उस समय तूल पकड़ा था जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी (jeetu patwari) ने इंदौर में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा था कि इस घटना को लेकर राहुल गांधी ने भी हैरानी जताई और मुझसे पूछा था कि वहां की तो सांसद ताई है ना, वह तो सभ्य है और शुचिता व संस्कार की राजनीति करती है। उनके रहते हुए वहां ऐसे क्या हुआ? क्या वह भी बीजेपी के इस कृत्य में शामिल थी।

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उधर बम लगातार कैलाश के साथ, नाम वापसी के बाद घर नहीं गए

उधर नाम वापसी के बाद सोमवार सुबह 10 बजे के बाद अपने घर ही नहीं गए हैं। उनके घर के बाहर ताला लगा हुआ है। उस घटना के बाद से ही वह लगातार नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Minister Kailash Vijayvargiya) के साथ राजनीतिक दौरे में लगे हैं। मंगलवार को वह अलीराजपुर-झाबुआ दौरे पर रहे तो बुधवार को धार-महू दौरे पर अंतर सिंह दरबार के कार्यक्रम में थे। इसके बाद भी लगातार उनके साथ रहे, शनिवार को धार के सरदारपुर में उनके साथ थे और खुद कैलाश विजयवर्गीय ने इसकी जानकारी अपने X पर शेयर की और बताया कि बम भी उनके साथ हैं। वहीं रविवार को अब विजयवर्गीय, बम और नगर अध्यक्ष इंदौर गौरव रणदिवे के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे हैं। वहीं बम की मुश्किलें बढ़ चुकी है, हत्या के प्रयास की धारा 307 बढ़ने के बाद उनकी लगी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने उन्हें दस मई को पेश होने के आदेश दिए हैं।

इंदौर में हमेशा चली है ताई और भाई की राजनीति

इंदौर की राजनीति 1989 से 2019 तक ताई और भाई गुट के बीच चलती रही है। साल 1989 में ताई पहली बार सांसद बनी और 2019 तक लगातार आठ बार चुनी गई। वहीं 1990 में कैलाश विजयवर्गीय पहली बार इंदौर चार से विधायक चुने गए। फिर बाद में इंदौर के महापौर बने और बाद में बीजेपी सरकार के 2003 में सत्ता आने के बाद 2015 तक लगातार मंत्री रहे। लेकिन शिवराज सिंह चौहान के सीएम बनने के बाद जहां उनकी कैलाश से राजनीतिक दूरियां बढ़ी तो वहीं वह लगातार ताई के करीब होते गए। सीएम का साथ मिलने से इंदौर में ताई गुट मजबूत हो गया। लेकिन अब जबकि सीएम पद से शिवराज की विदाई हो चुकी है और कैलाश भी राष्ट्रीय राजनीति से फिर प्रदेश की राजनीति में आ गए हैं, उधर ताई भी सक्रिय राजनीति से दूर हो गई है, ऐसे में भाई गुट फिर मजबूती से उभरा है। दोनों के राजनीति की अलग कार्यशैली है और इसी कार्यशैली के चलते ही दोनों की कभी भी पटरी नहीं बैठी।

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