मास्टर प्लान से छेड़छाड़ में पहला झटका: इंदौर में एज्यूर मॉल का नक्शा निरस्त, अफसरों पर भी गिरेगी गाज

इंदौर में मास्टर प्लान की सड़कों को संकरा दिखाकर इमारतें बनाई गईं। नगर निगम ने भमोरी चौराहे से एमआर-10 की प्रस्तावित सड़क पर एज्यूर मॉल का नक्शा निरस्त कर दिया। अधिकारियों की पहचान हो चुकी है जिन्होंने मास्टर प्लान की अनदेखी की।

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Rahul Dave
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INDORE. इंदौर में मास्टर प्लान की सड़कों को संकरा दिखाकर इमारतें बनाई गईं। अब नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। नगर निगम ने भमोरी चौराहे से एमआर-10 की प्रस्तावित 30 मीटर चौड़ी सड़क पर आ रहे एज्यूर मॉल का नक्शा निरस्त कर दिया है।  

यह कार्रवाई सिर्फ एक मॉल तक सीमित नहीं रहेगी। नगर निगम ने कहा है कि अधिकारियों की पहचान हो गई है, जिन्होंने मास्टर प्लान को नजरअंदाज कर नक्शों को मंजूरी दी।

चौंकाने वाला सच सामने आया

मास्टर प्लान की 23 प्रमुख सड़कों के निर्माण के लिए पैकेज-2 में भमोरी चौराहे से एमआर-10 और राजशाही गार्डन से होटल ‘वॉव’ तक करीब 1100 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जानी है। जब रोड अलाइनमेंट की पड़ताल की गई तो चौंकाने वाला सच सामने आया। भमोरी प्लाजा से एरोप्लेन चौराहे तक सात भूखंडों पर व्यवसायिक भवन और शॉपिंग मॉल खड़े हो गए। इनके नक्शे मास्टर प्लान के खिलाफ पास किए गए थे।

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नक्शों को गलत तरीके से मंजूरी

नगर निगम के राजेंद्र राठौर ने मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री, आयुक्त और महापौर को पत्र लिखा। पत्र में कहा गया कि सात नक्शों को गलत तरीके से मंजूरी दी गई। इन नक्शों को तत्काल निरस्त किया जाए। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

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क्या बोले निगम के अपर आयुक्त

नगर निगम के अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया ने पुष्टि की है कि एज्यूर मॉल का नक्शा निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही भूखंड क्रमांक 7 और 8 पर निर्माणाधीन व्यावसायिक इमारत भी है, जिसे बलराज बना रहा है। उसका नक्शा भी रद्द करने की प्रक्रिया में है।

असल सवाल यह है कि जब मास्टर प्लान 2021 में इस पूरे हिस्से में 30 मीटर चौड़ी सड़क दर्ज है, तो फिर नक्शों में इसे 18 मीटर कैसे दिखाया गया? नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की यह चूक अब सिस्टम की गंभीर विफलता मानी जा रही है।

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अधिकारी-इंजीनियर भी जांच के दायरे

 इस पूरे मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी बयान दिया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि इस मामले में सिर्फ नक्शे ही नहीं, बल्कि नक्शे पास करने वाले अधिकारी-इंजीनियर भी जांच के दायरे में होंगे। निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। अब निगाहें इस पर हैं कि कार्रवाई इमारतों तक सीमित रहेगी या अधिकारियों पर भी होगी। जिन्होंने मास्टर प्लान को मोड़कर सड़कों को नुकसान पहुंचाया।

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