INDORE. इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर की मांस-मटन की दुकानें बंद करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने आने वाले तीन अहम हिंदू त्योहार को देखते हुए यह आदेश दिए हैं। साथ ही सभी को चेताया है कि यदि इस आदेश का उल्लंघन किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। निगम द्वारा दुकान बंद कराई जाएगी।
महापौर ने इन दिन बंद रखने के दिए आदेश
महापौर ने पर्व चेटी चंड, रामनवमी, महावीर जयंती एवं बुद्ध जयंती पर निगम सीमा में मांस विक्रय की दुकानें पूरी तरह बंद रखने के आदेश दिए हैं। भार्गव ने नगर-निगम के अधिकारियों को निर्देश देते हुए आदेश जारी कर दिया हैं। महापौर ने बताया की विगत वर्ष में भी निर्देश दिए गए थे उसी प्रकार इस वर्ष भी निर्देश जारी कर सख्ती से पालन करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है।
यह रहेंगी तारीख
आदेश के तहत रविवार, 30 मार्च 2025 को चेटी चंड, रविवार, 06 अप्रैल 2025 राम नवमी, गुरुवार, 10 अप्रैल 2025 महावीर जयंती तथा सोमवार, 12 मई 2025 को बुद्ध जयंती के अवसर पर इंदौर नगर निगम सीमा के अन्तर्गत समस्त मांस विक्रय की दुकाने बंद रहेंगी।
महापौर ने अपने निर्देश में साफ कर दिया है कि इन दिनों में दुकाने बंद रखनी ही होगी, आदेश की अवहेलना करते हुए यदि कोई भी मांस विक्रय करते हुए इन दिनों में पाया गया तो सख्ती से पालन भी कराया जाएगा।
ये खबरें भी पढ़ें...
लाड़ली बहना योजना पर ये क्या बोल गए पंडित विपिन बिहारी दास
अधिकारी के घर के बाहर मुंह पर पोती गई कालिख, हिंदू संगठन ने लगाया ये आरोप, वीडियो वायरल
भोपाल के विधायक ने भी यही कहा था
भोपाल में बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी बयान दिया था कि हम डंडे के बल पर दुकान बंद नहीं कराना चाहते हैं। हिंदुओ की भावनाओं का आदर करना चाहिए। कांग्रेस, सपास बसपा गंगा-जमुनी तहजीब के भाषण देते हैं और कहते हैं कि सभी धर्मों का आदर करना चाहिए। अब वह सभी को समझाएं कि अगर सात-आठ दिन मांस नहीं खाएंगे तो कौन से धरती पर नहीं रहेंगे।
ये खबरें भी पढ़ें...
इंदौर महापौर MIC मेंबर मनीष मामा के साथ, अभ्यास वर्ग में पार्षद रूपाली रूठकर गई
इंदौर में सबसे महंगा शो होगा अरिजीत सिंह का कॉन्सर्ट, 15 करोड़ के बिकेंगे टिकट
कांग्रेस नेता ने उठाया सवाल
/sootr/media/post_attachments/ade1ade2-0e1.jpg)
वहीं कांग्रेस नेता सच सलूजा ने इस आदेश पर कहा कि यह आदेश केवल दुकानों पर क्यों लागू है। रजिस्टर केएफसी-मॅकडॉनल्ड एवं ऐसे कई बड़े ब्रांड एवं रेस्तरां आदि जिनमें मांसाहार बिकता है, को क्यों हमेशा छोड़ दिया जाता है। इन पर कोई अनुज्ञा लागू नहीं हो होती? या अन्य कोई खास वजह है।