इंदौर में बोले जस्टिस विवेक रूसिया, विवाद में मध्यस्थता प्रक्रिया को लेकर जागरुक हों लोग
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ के प्रशासनिक न्यायाधीश और उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इंदौर के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विवेक रूसिया ने सोमवार को न्यायाधीशों के लिए शुरू हुए 40 घंटे के मीडिएशन प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
इंदौर में मीडिएशन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर जस्टिस विवेक रूसिया भी शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में मध्यस्थता को लेकर काफी जरूरी बात मंच से कही। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगाें को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता प्रक्रिया (mediation process) अपनाने को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। जब आम जनता में यह सोच विकसित होगी कि वे कोर्ट की बजाय आपसी बातचीत और समझ से मामले सुलझा सकते हैं, तभी मध्यस्थता से उन्हें सही फायदा मिल पाएगा।
40 घंटे का मीडिएशन प्रशिक्षण शुरू
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ के प्रशासनिक न्यायाधीश और उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इंदौर के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विवेक रूसिया ने सोमवार को न्यायाधीशों के लिए शुरू हुए 40 घंटे के मीडिएशन प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट की मीडिएशन एंड कंसिलिएशन प्रोजेक्ट कमेटी, मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत प्रशासनिक न्यायाधीश विवेक रुसिया ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन कर की। इस मौके पर प्रधान जिला न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, सचिव शिवराज सिंह गवली, जिला रजिस्ट्रार मृणाल मोहित, सुप्रीम कोर्ट एमसीपीसी के प्रशिक्षक राजेश दास और नीना खरे मौजूद थे। साथ ही इंदौर, देवास, डॉ. अंबेडकर नगर, देपालपुर और सांवेर से आए न्यायाधीश और विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सौम्या सिंह बघेल ने किया। आभार जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा ने माना।
मध्यस्थता प्रक्रिया का प्रशिक्षण लेना वे खुद भी चाहते हैं
प्रशासनिक न्यायाधीश विवेक रूसिया ने कहा कि उन्हें मध्यस्थता प्रक्रिया से मामलों का समाधान करना बेहद पसंद है और वे खुद भी इसका प्रशिक्षण लेना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर में मध्यस्थता को बढ़ावा देने के लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं। न्यायाधीश रूसिया ने यह भी कहा कि किसी मामले का समाधान करना आसान हो सकता है, लेकिन मध्यस्थता के ज़रिए समाधान करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें दोनों पक्षों की सहमति और संतुष्टि जरूरी होती है। उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल न्यायाधीशों को सलाह दी कि वे अपने-अपने न्यायालयों में मध्यस्थता प्रक्रिया को प्राथमिकता दें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने की। इस दौरान नीना खरे ने भी मध्यस्थता प्रक्रिया पर अपने विचार साझा किए।
इंदौर के होटल वॉव क्रेस्ट में 19 मई से 23 मई तक 40 घंटे का मीडिएशन (मध्यस्थता) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली की एमसीपीसी टीम के वरिष्ठ प्रशिक्षक श्रीमती नीना खरे और श्री राजेश दास शामिल हैं। वे प्रतिभागियों को मध्यस्थता की तकनीक, प्रक्रिया और किन मामलों में मध्यस्थता उपयुक्त होती है, जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी और प्रशिक्षण देंगे।