महिला अपराध सहित रिश्वत के आरोपों में घिरे खनिज अधिकारी लुणावत का VRS
विवादों में घिरे खनिज अधिकारी संजय लुणावत ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है। उन्होंने 20 दिसंबर को औपचारिक रूप से खनिज विभाग में वीआरएस का आवेदन किया था, जिसे विभाग ने मंजूरी दे दी है।
खनिज अधिकारी संजय लुणावत का वीआरएस। Photograph: (the sootr)
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महिला अपराध सहित रिश्वत के आरोपों में घिरे विवादित खनिज अधिकारी संजय लुणावत ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले ली है। इसके लिए उन्होंने औपचारिक तौर पर एक माह का वेतन 95 हजार 300 रुपए जमा करते हुए खनिज विभाग में आवेदन 20 दिसंबर को ही कर दिया था। जिसे अब विभाग ने मंजूर कर लिया है।
ट्रांसफर के अगले दिन ही छोड़ी नौकरी
संजय लुणावत के खिलाफ लगातार 'दू सूत्र' ने एक के बाद एक बड़े खुलासे किए थे। जब वह ट्रांसफर होकर इंदौर पदस्थ हुए थे, तभी बता दिया था कि इन पर महिला संबंधी अपराध रतलाम में दर्ज है, और इसके बाद भी यह जोड़-तोड़ करके इंदौर आ गए। इसके बाद इनके द्वारा पीडी अग्रवाल की कंपनी के अवैध तालाब खनन को बचाने, उनकी कार में घूमने जैसे खुलासे द सूत्र ने किए। इसके बाद सरकार ने 19 दिसंबर को इनका ट्रासंफर श्योपुर कर दिया। वहीं इस आदेश के बाद ही नई जगह ज्वाइन करने की जगह 20 दिसंबर को वीआरएस आवेदन कर दिया।
वहीं विभाग द्वारा वीआरएस मंजूरी के जारी हुए पत्र में लिखा है कि सहायक खनिज अधिकारी लुणावत के खिलाफ आपराधिक केस 1848/2021 रतलाम कोर्ट में विचाराधीन है और विभागीय जांच प्रचलित है। इसलिए जीएडी नियम के अनुसार उन्हें अनंतिम पेंशन देय होगी, यह पेंशन आपराधिक प्रकरण, विभागीय जांच में दोषसिद्ध होने पर रोकी जा सकेगी।
रतलाम में जिस केस दर्ज होने की बात शासकीय पत्र में भी लिखी है इसके अनुसार महिला ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला के पति के डंपर रतलाम में पकड़े थे और महिला के आरोप है कि इन्हें छोड़ने के बदले में उन्होंने साथ में रात बिताने के लिए कहा था। महिला थाना रतलाम में इस पर उनके खिलाफ केस हुआ, गिरफ्तारी हुई और एक दिन जेल में भी रहे और फिर जमानत हुई। उधर, इंदौर में एक ठेकेदार ने उनके खिलाफ अधिकारियों को शिकायत की है कि उन्होंने 65 लाख की रिश्वत मांगी थी, वह किश्तों में 35 लाख ले भी चुके थे। इस मामले में अपर कलेक्टर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।