इंदौर नगर निगम में खुलकर अधिकारी vs जनप्रतिनिधि, पार्षद पति से शुरू लड़ाई MIC, निगमायुक्त तक पहुंची

इंदौर में सर्वे के विवाद से पार्षद पति और एआरओ के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मामला बढ़कर एमआईसी और निगमायुक्त तक पहुंचा। थाने में दोनों जमातों ने एफआईआर कराई। शहर में तनाव और चर्चा तेज हो गई है।

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Sanjay Gupta
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INDORE. इंदौर नगर निगम में एक बार फिर खुलकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि आमने-सामने आ गए हैं। सर्वे के काम से शुरू हुई पार्षद पति और एआरओ (सहायक राजस्व अधिकारी) के बीच की लड़ाई अब एमआईसी मेंबर और सीधे निगमायुक्त आईएएस दिलीप यादव तक पहुंच गई है।

देर रात थाने में निगमायुक्त के खिलाफ बीजेपी पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए मोर्चा खोल दिया। उधर पार्षद सुनीता हार्डिया ने पति व बेटे पर एफआईआर होने पर आत्मदाह तक की धमकी दे दी है।

इस तरह से शुरू हुई लड़ाई

लड़ाई की शुरुआत शनिवार 25 अक्टूबर को वार्ड 74 से शुरू हुई। इसमें पार्षद पति सुनील हार्डिया का एआरओ शैलेंद्र सिंह से विवाद हो गया था। हार्डिया ने आरोप लगाए कि टीम घरों में जबरन घुस रही है और बदतमीजी कर रही है।

इस विवाद के बाद अधिकारी भंवरकुआं थाने भी गए, लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ। वहीं बीजेपी और रहवासी बीरम सोलंकी व अन्य गए, जिस पर एआरओ पर भा.दं.सं. की धारा 296 और 351(5) के तहत केस दर्ज हो गया है।

इसके बाद निगमायुक्त भड़के, फिर थाने में केस हुआ

इस एफआईआर की खबर लगते ही नगर निगम में हड़कंप मच गया है। निगमायुक्त दिलीप यादव ने भी संबंधित अधिकारियों से बात की और कहा कि इसमें क्रॉस एफआईआर होना चाहिए। इसके बाद फिर अधिकारी रात को थाने पहुंचे।

शैलेंद्र सिंह की शिकायत पर एफआईआर कराने वाले रहवासी बीरम सोलंकी के साथ ही पार्षद पति सुनील हार्डिया और उनके बेटे अटल हार्डिया के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा की धारा व अन्य में केस हो गया। शिकायत में कहा गया है कि मैं अधिकारियों के आदेश से सर्वे का काम कर रहा था, तभी बीरम सोलंकी ने काम से रोका और फिर सुनील हार्डिया, अटल भी आ गए और शासकीय काम में बाधा डाली। गालियां दीं, उच्च अधिकारियों को देख लेने की धमकी दी।

फिर शुरू हुआ असल विवाद, बबलू शर्मा कूदे

इसके बाद रात को थाने पर भारी हंगामा हुआ। एमआईसी मेंबर बबलू शर्मा, पार्षद योगेश गेंदर सहित कई जनप्रतिनिधि थाने पहुंचे। रात में एमआईसी मेंबर अभिषेक शर्मा बबलू ने हाथ जोड़कर टीआई से कहा - मेरी एफआईआर लिख लीजिए।

इसके बाद असल विवाद शुरू हुआ। रात को थाने में एमआईसी मेंबर बबलू शर्मा ने कहा कि निगमायुक्त अड़ गए थे, इसलिए एफआईआर हुई, तो फिर बबलू शर्मा भी अड़ गया है। यदि वह व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल रहे हैं, तो मुझे तो मारने की धमकी दी है। एफआईआर तो कराऊंगा।

अब तो इंदौर की हर कॉलोनी में केस होगा, क्योंकि यह तो हर दिन बदतमीजी करते हैं। हम लोग समझाते हैं। इंदौर की यूनिट को तो तोड़ दिया गया है और भेदभाव हो चुका है। यदि निगमायुक्त साहब ने जिद पकड़ ली है, तो मैं तो फरियादी बनकर आया हूं। मुझे धमकी दी गई, मेरे दो बच्चे हैं, मुझे गोली मार दी तो? मेरी भी एफआईआर हो।

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