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Photograph: (The Sootr)
राहुल देव@INDORE.
मध्यप्रदेश में इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में आग लगने के कारण उद्योगपति और कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल की मौत हो गई। धुएं के कारण उनका दम घुटा। घटना अग्रवाल के बंगले में स्मार्ट लॉक सिस्टम के कारण से होना बताई गई है।
हादसे के समय बिजली या सिस्टम फेल होने पर लॉक जाम हो गया। इस घटना ने इलेक्ट्रॉनिक और स्मार्ट लॉक पर सवाल खड़े किए हैं। आधुनिक सुरक्षा तकनीकों का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन कभी-कभी यह जानलेवा साबित हो सकता है। लापरवाही के कारण दुर्घटना हो सकती है।
कांग्रेस नेता प्रवेश अग्रवाल ने अपने बंगले में स्मार्ट लॉक सिस्टम लगाया था। बिजली या सिस्टम फेल होने पर लॉक जाम हो गया। इससे वे घर के अंदर फंस गए। दरवाजा नहीं खुल पाया और सहायता नहीं मिली, जिससे उनकी मौत हो गई। यह घटना स्मार्ट लॉक उपयोगकर्ताओं के लिए चेतावनी है।
स्मार्ट लॉक की सुविधाएं और खतरे
स्मार्ट लॉक सुरक्षा और सुविधा के लिए बनाए गए हैं इनमें फिंगरप्रिंट, पासकोड, मोबाइल ऐप या फेस रिकग्निशन जैसी तकनीकें होती हैं। लेकिन बिजली, नेटवर्क या बैटरी फेल होने की स्थिति में यह लॉक स्वत: बंद हो जाता है और मैन्युअल चाबी का विकल्प न होने पर दरवाज़ा खोलना मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति आपातकाल में घातक हो सकती है।
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मैकेनिकल विकल्प मौजूद रखें
साइबर सिक्योरिटी एक्सपट्र्स का कहना है कि किसी भी स्मार्ट लॉक सिस्टम में मैनुअल ओवरराइड की सुविधा अनिवार्य होनी चाहिए। यानी ऐसी स्थिति में एक साधारण चाबी या मैकेनिकल विकल्प मौजूद रहे। इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को नियमित रूप से बैटरी और सिस्टम अपडेट चेक करते रहना चाहिए। कई बार लॉक की ऐप या सॉफ्टवेयर हैक होने की संभावना भी रहती है, जिससे सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
मैन्युअल भी खोला जा सकता है हर स्मार्ट लॉक
हर स्मार्ट लॉक को कमरे के अंदर से मैनुअल भी खोला जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक लॉक अलग-अलग तरह के होते हैं। यह पासवर्ड, फिंगर प्रिंट, वाई-फाई और मोबाइल एप से ऑपरेट होते हैं। यह बाहर से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से खुलते हैं, लेकिन कमरे के अंदर से इन्हें मैनुअल भी खोला जा सकता।
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आग लगने पर ऐसे लॉक हो जाते हैं अनलॉक
फायर-सेफ मॉडल लॉक फायर रेटेड और इमरजेंसी अनलॉक फीचर वाले होते हैं। यह स्मार्ट लॉक आग या तापमान बढऩे पर स्वत: अनलॉक हो जाते हैं और मैनुअल रिलीज बटन से खुल जाते हैं।
यह सावधानी और जानकारी रखें...
- स्मार्ट लॉक बैटरी या बिजली से चलते हैं। बैटरी खत्म हो जाए या बिजली न हो तो लॉक फेल हो सकता है। आपात स्थिति में अंदर या बाहर फंसने की आशंका रहती है।
- इन लॉक में लीथियम बैटरी लगती है। आग लगने के कारण वाई-फाई में गड़बड़ी या फिर लॉक पर कार्बन आने के कारण लॉक नहीं खुलता है।
- लीथियम बैटरी को 6 महीने में एक बार चार्ज करना पड़ता है। जब बैटरी लो हो जाती है तो लॉक ठीक से काम करना बंद कर देता है।
- सेंसर, फिंगरप्रिंट रीडर, एप या कनेक्शन में गड़बड़ी होने पर लॉक नहीं खुलता। धूल, नमी या तापमान में बदलाव से इलेक्ट्रॉनिक पाट्र्स खराब हो सकते हैं।
- सेंसर सफाई, सॉफ्टवेयर अपडेट, बैटरी चेक नियमित करें। कई बार सेंसर के वर्क नहीं करने पर लॉक नहीं खुलता है।
- स्मार्ट लॉक से यह भी संभव है कि घर में प्रवेश ही न कर पाएं। परिवार के लौटने पर तकनीकी खराबी के चलते यदि स्मार्ट लॉक काम करना बंद कर दे तो घर में नहीं जा सकते।
- सिंपल या सेंट्रल एसी हो तो हवा आने के लिए पाइप लगाएं, स्मोक डिटेक्टर रखें।
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