इंदौर MY अस्पताल के डॉक्टर ने कट लेकर सुरेश भदौरिया के इंडेक्स अस्पताल भेजा

इंदौर के एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा कट प्रैक्टिस का मामला सामने आया है। एक डॉक्टर ने मरीज को निजी अस्पताल भेजने के लिए लामा (मेडिकल सलाह के खिलाफ छुट्टी) कराया। यह खेल आयुष्मान योजना के तहत तेज हुआ है, जिससे डॉक्टर को कमीशन मिलता है।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (THESOOTR)

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INDORE. इंदौर और मप्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय में डॉक्टरों के कट प्रैक्टिस का खेल चल रहा है। चूहाकांड के बाद एमवाय में यह शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक डॉक्टर पर प्रबंधन द्वारा कार्रवाई की गई है।

डॉक्टर द्वारा मरीज को सीबीआई और ईडी जांच के आरोपी सुरेश भदौरिया के इंडेक्स अस्पताल में भेजा गया। इन मरीजों का आयुष्मान योजना में फिर वहां उपचार होता है और निजी अस्पताल प्रबंधन की जेब में इसका पैसा जाता है। 

इस तरह मरीज को भेजा गया निजी में

मामला इंदौर एमवाय अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग से जुड़ा है। यहां के एक डॉक्टर द्वारा मरीज मरीज को लामा LAMA (मेडिकल सलाह के विरुद्ध छुट्टी होना)  कर इंडेक्स अस्पताल भेजने का मामला सामने आया है।

यह मामला तब खुला जब मरीज ने खुद इसकी शिकायत की। मरीज ने बताया कि कि रातभर जमीन पर बिना इलाज के रखा और सुबह डॉक्टर ने निजी अस्पताल में जाने के लिए कहा।

शिकायत के बाद डॉक्टर का 15 दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गई है। मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने कहा कि लामा रोकने के प्रयास हो रहे हैं, हाल ही में एक डॉक्टर पर कार्रवाई की है। एक कमेटी बनाई है जो लामा केस के मरीजों का रिव्यू करेगी।

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बिल का 10 फीसदी कमीशन मिलता है 

जानकारी के अनुसार मरीज के इस धंधे में कट प्रैक्टिस के नाम पर मरीज के बनने वाले बिल में 10 फीसदी कमीशन दिया जाता है। जैसे यदि निजी अस्पताल में मरीज का तीन लाख का बिल बना तो संबंधित डॉक्टर को 30 हजार मिलेगा। आयुष्मान योजना के नाम पर यह खेल और तेज हो गया है। 

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मरीज को बहका कर भेजते हैं

एमवायएच अस्पताल में आने वाले मरीज को कुछ डॉक्टर और स्टाफ द्वारा यह कहा जाता है कि निजी अस्पताल में अच्छा इलाज मिलेगा और आयुष्मान के तहत फ्री भी होगा।

हालत यह है कि एमवाय के अंदर ही मरीजों को निजी अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस गैंग भी सक्रिय रहती है। एक साल पहले इस गैंग का खुलासा हुआ था तब दीपक वर्मा को पकड़ा भी था। विवाद होने पर निजी एंबुलेंस को एमवाय में पार्किंग पर रोक लगी थी लेकिन अभी भी इनका आना लगा रहता है।

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