इंदौर के MY में नवजात को चूहों ने कुतरा, दामाद जी को छोड़ा, बड़ों पर हाथ डालने से कतराती सरकार

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों के आधार पर की जाए। उन्होंने कहा इस तरह की घटनाएं प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की छवि धूमिल करती हैं।

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Vishwanath Singh
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इंदौर के एमवाय अस्पताल में नवजातों को चूहों के कुतरने की घटना के बाद सरकार एक्शन मोड में जरूर है, लेकिन उसमें भी खास लोगों को छोड़ दिया गया है। अभी तक जो भी कार्रवाई सरकार की तरफ से की गई है उसमें भी पूर्व मंत्री के दामाद डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया को नोटिस देने की बात नहीं दिख रही है। हालांकि, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय में हुई बैठक में साफ कहा कि इस मामले में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई होगी।

प्रदेश की छवि हो रही धूमिल

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों के आधार पर की जाए। उन्होंने कहा इस तरह की घटनाएं प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की छवि धूमिल करती हैं। इसे हर हाल में रोका जाएगा।

इन पर हुई कार्रवाई

अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव, विभागाध्यक्ष डॉ. बृजेश लाहोटी, प्रो. डॉ. मनोज जोशी और सहायक प्रभारी नर्सिंग अधिकारी कलावती भलावी को कारण बताओ नोटिस। सहायक अधीक्षक डॉ. मुकेश जायसवाल, प्रभारी नर्सिंग अधिकारी प्रवीणा सिंह, नर्सिंग ऑफिसर आकांक्षा बेंजामिन और श्वेता चौहान को निलंबित। नर्सिंग अधीक्षक मार्गरेट जोसफ को पद से हटाया गया। नर्सिंग ऑफिसर प्रेमलता राठौर का स्थानांतरण मानसिक चिकित्सालय में किया गया।

डॉक्टर्स रोकेंगे चूहे, कितने मारे और पकड़े

इंदौर के सरकारी एमवाय अस्पताल में चूहों के काटने से दो नवजातों की मौत के बाद पेस्ट कंट्रोल एजाइल कंपनी को हटाने की जानकारी सामने आई है। अब इस काम की मॉनिटरिंग के लिए मंगलवार रात डॉ. महेश कछारिया को असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट की नियुक्ति कर विशेष जिम्मेदारी दी गई है। अस्पताल में हर यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर को चूहों का सफाया करने की ड्यूटी दी गई है। अस्पताल में चूहों को पकड़ने के लिए चूहामार दवाइयां (कुछ विशेष तरह का पॉयजन, जिसका तुरंत असर हो) डाली जा रही हैं। साथ ही हर यूनिट में बड़े पिंजरे और रोडेंट ग्लू ट्रेप (जिसमें कुतरने वाले जीव, खासकर चूहे, फंस जाते हैं) लगाए जा रहे हैं।

कितने चूहे पकड़ाए, इसकी जवाबदेही इंचार्ज की

चूहों को पकड़ने को लेकर तुरंत फीडबैक लिया जा रहा है कि रातभर में कितने चूहे पकड़े गए और कितने मारे गए। इसके लिए हर यूनिट के इंचार्ज की जवाबदेही तय की गई है कि 24 घंटे में क्या नतीजे रहे। इसमें NICU (Neonatal Intensive Care Unit) और PICU (Pediatric Intensive Care Unit) पर खास फोकस है।

आयुक्त को सौंप दी रिपोर्ट

इस मामले में आयुक्त तरुण राठी ने जांच कमेटी बनाई थी। द सूत्र को पुख्ता जानकारी मिली है कि उस कमेटी ने साेमवार की रात को अपनी रिपोर्ट आयुक्त राठी को साैंप दी है। अब जांच रिपोर्ट पढ़ने के बाद इसमें सीधे भोपाल से ही कार्रवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने कई लोगों को दोषी माना है, जिनपर गाज गिरना तय है।इस लिस्ट में संभवत: कई बड़े लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

ये लोग थे जांच कमेटी में

इस मामले की जांच के लिए राज्य स्तर पर चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी के निर्देश जो जांच कमेटी बनाई गई थी। उसमें आयुष्मान भारत के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. योगेश भरसत, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज श्रीवास्तव, डॉ. राजेश टिक्कस और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक डॉ. वैभव जैन शामिल हैं। 

अभी तक ये लोगों की भूमिका रही संदेहास्पद

नवजातों को चूहों द्वारा कुतरे जाने के मामले में अभी तक एमजीएम डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया, एमवाय अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव और एचओडी डॉ. ब्रजेश लाहोटी की भूमिका भी संदेहास्पद मानी जा रही है। इन सभी पर जयस संगठन ने भी लापरवाही के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने भी आरोप लगाए कि अगर समय रहते ठीक से इलाज किया जाता तो बच्चों को बचाया जा सकता था।

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डीन तो हंसते हुए बोले, हमने जुर्माना लगा दिया

एमजीएम डीन डॉ. घनघोरिया ने इस मामले की जानकारी बेशर्म हंसी के साथ दी थी। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि मृतक नवजात का वजन मात्र 1.2 किलो था, हीमोग्लोबिन बेहद कम था और जन्म से ही कई जटिलताएँ थीं। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। डीन ने स्पष्ट किया कि “चूहे के काटने का घाव बहुत छोटा था, मौत का कारण सेप्टिसीमिया (इन्फेक्शन) और जन्मजात समस्याएँ हैं। डीन ने कहा कि चूहों की सक्रियता की जानकारी समय पर न देने और सतर्कता में चूक के चलते कंपनी व स्टाफ पर कार्रवाई की गई।

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अस्पताल की सफाई और सुरक्षा पर सख्त निर्देश

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि अस्पताल परिसरों की स्वच्छता, सुरक्षा और मरीजों के हित सर्वोच्च प्राथमिकता पर हों। उन्होंने चेतावनी दी कि आगे से यदि लापरवाही मिली तो सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

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बड़े अफसर भी रहे मौजूद

बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, आयुक्त तरुण राठी और एमडी एमपी पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन मयंक अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। 

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इंदौर एमवाय अस्पताल डीन अधीक्षक मंत्री