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इंदौर में ड्रग तस्करों को पकड़ने को लेकर की गई इंदौर पुलिस की कार्रवाई में एक और ब्रेक थ्रू मिला है। इसमें पिछले दिनों पकड़े गए आरोपी वसीम से पुलिस को 12 ड्रग पैडलरों की महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। वसीम इन्हीं की मदद से अपने ड्रग के नेटवर्क को आगे बड़ा रहा था। उसने पिछले 10 साल में पुलिस की नाक के नीचे अपना पूरा नेटवर्क खड़ा कर लिया। इसके लिए उसने पुलिस की ही मदद ली। पिछले दिनों आजाद नगर के सिपाही लखन जाट के पकड़े जाने के बाद यह थ्योरी भी सही साबित हुई। लखन ने भी ड्रग तस्करी में शामिल कई पुलिस जवानाें व टीआई तक के नाम उगले हैं। वसीम को गुजरात एटीएस भी तलाश रही थी। क्योंकि वहां के पोर्ट पर पकड़ी गई 3 हजार किलो ड्रग की बड़ी खेप के आरोपियों के तार इससे भी जुड़े थे।
एक दर्जन पैडलर की सूची बनाई
टीआई आजाद नगर विजय सिसोदिया ने बताया, आरोपी वसीम उर्फ बाबा (38) निवासी पुरानी जेल, बड़ा तस्कर है। करीब 10 साल पहले शहर में एमडी ड्रग्स की तस्करी शुरू करने वाला ये पहला आरोपी रहा है। इसी ने पूरे आजाद नगर के बाद इंदौर में इस ड्रग्स के रैकेट का संचालन शुरू किया था। एमडी ड्रग्स तस्कर आरोपी वसीम उर्फ बाबा से जुड़े करीब एक दर्जन पैडलर्स की जानकारी आजाद नगर पुलिस ने जुटा ली है। उसने आजाद नगर क्षेत्र में अपना काफी बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया था। कई युवाओं को नशे का आदी बनाने के साथ यह अपने लिए तस्करी का भी काम करवाता था।
भोपाल पुलिस का 10 हजार का इनामी बदमाश है
भोपाल पुलिस ने इस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। जल्द ही भोपाल पुलिस की टीम इंदौर आएगी, क्योंकि आरोपी भोपाल में पकड़ाई ड्रग फैक्टरी के आरोपियों से भी जुड़ रहा है। आजाद नगर क्षेत्र के कई युवा इसके नेटवर्क से जुड़े हैं। इनकी सूची बनाकर जल्द कार्रवाई की जाएगी। टीआई सिसोदिया ने बताया कि गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर 3 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी, उसमें कोकीन, हेरोइन व एमडी ड्रग्स थी। उसमें पकड़े गए आरोपियों से भी इस आरोपी वसीम बाबा के कनेक्शन होना पता चले हैं। इसलिए गुजरात एटीएस ने इस पर केस दर्ज कर इसे फरार घोषित किया था।
6 अन्य आरोपी की भी हुई पहचान
उन्होंने बताया कि करीब आधा दर्जन ड्रग पैडलर जो इससे जुड़े थे, उन्हें चिह्नित भी कर लिया है। इसके ऊपर 21 संगीन अपराध दर्ज हैं। राजस्थान में भी यह ड्रग तस्करी का आरोपी रहा है। रिमांड खत्म होने के बाद इसे जेल भेजा गया है, लेकिन आरोपी को लेकर भोपाल क्राइम ब्रांच जल्द इंदौर आने वाली है। वहां इस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इसके 22 अपराधों की जानकारी हाथ लग चुकी है।
जीजा के नाम से करता था तस्करी
एसीपी नरेंद्र रावत के अनुसार, क्षेत्र में किसी समय लोकल गैंग सरगना निक्की भाऊ बड़े पैमाने पर तस्करी करता था। निक्की और सलोनी के जेल जाने के बाद गुलशन ने अपना नेटवर्क फैलाया और स्वयं को नया नाम ‘जीजा’ दिया। गुलशन कभी सामने आकर ड्रग्स नहीं देता था। वह फ्लैटों में जाकर खास लोगों को नशा सप्लाय करता था। पुलिस सूत्रों का कहना है, गुलशन बड़े पैमाने पर मिल क्षेत्र में ड्रग्स सप्लाय कर रहा था।
अपराध शाखा के 6 जवान सहित 14 लाइन अटैच
पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने ऑपरेशन क्लीन के तहत जिन 14 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा अपराधा शाखा के 6 पुलिस जवान हैं। इसके अलावा जूनी इंदौर, संयोगितागंज, खजराना, सदर बाजार, गांधीनगर, राऊ और विजय थाने का पुलिसकर्मी शामिल है। वहीं, एडीशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित सिंह का कहना है कि जिन दो टीआई के नाम आजादनगर वाले मामले में आए हैं उसमें अभी जांच की जा रही है। जो नाम बताए जा रहे हैं उन्हें वेरिफाई किया जाएगा उसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
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2 करोड़ की ड्रग के साथ पकड़ा, तब खुला राज
एडीशनल सीपी इंदौर लॉ एंड ऑर्डर अमित सिंह के मुताबिक आईपीएस करणदीप सिंह की टीम ने 26 फरवरी को आरोपी मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शाहरुख उर्फ पेट्रोल निवासी आजाद नगर और विजय पाटीदार निवासी मंदसौर को कस्तूरबा ग्राम रोड़ से 2 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग के साथ पकड़ा था। पूछताछ में शाहरुख ने आजादनगर थाने के सिपाही लखन गुप्ता का नाम कबूला था। तेजाजी नगर पुलिस ने पिछले दिनों दोपहर को ड्रग तस्करों को संरक्षण देने के मामले में आरोपी सिपाही लखन गुप्ता को कोर्ट में पेश कर दिया था। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने अब उन तस्करों को तलाशना शुरू कर दिया है, जो कि रुपए देकर थाने से छूटे थे। एक तस्कर भुरू बैंड को भी हिरासत में लिया जाना बताया गया है।
बंधक बनाकर लाखों वसूले
ड्रग माफिया से वसूली की जद में अब 10 पुलिस जवानों के साथ ही विजय नगर थाने के टीआई सीके पटेल भी आ गए हैं। पुलिसकर्मी विजयनगर क्षेत्र की होटलों में आरोपियों को बंधक बनाकर रखते थे। सूत्रों के मुताबिक विजय नगर थाने के टीआई सीके पटेल ने पिछले दिनों श्रीनगर कांकड़ से अजहर पन्नी को एमडी ड्रग के साथ पकड़ा था। पन्नी ने यह ड्रग बड़ौद के ड्रग माफिया राजा से लेकर आना बताया था। सिपाहियों ने राजा को हिरासत में लिया और आरोप है कि उन्हाेंने राजा को तीन दिन तक विजयनगर क्षेत्र की होटल में बंधक बनाकर रखा था। अपराध शाखा के सिपाही प्रमोद सिंह ने इसमें मध्यस्थता की और लाखों रुपए लेकर छोड़ दिया। इस मामले में सिपाही मुकेश, प्रमोद, लोकेश और राधे की भूमिका संदिग्ध है।
जीपीएस लगाकर पकड़ा पुलिस ने
शहर में 80 से ज्यादा पैडलर का नेटवर्क तैयार कर ब्राउन शुगर बेचने वाले तस्कर देवगुराड़िया निवासी गुलशन नरगावे को भी परदेशीपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने उसकी कार में जीपीएस लगाया था। इसके चलते वह जहां भी जाता था, उसकी लोकेशन ट्रेस हो जाती थी। डीसीपी जोन-2 अभिनय विश्वकर्मा के अनुसार गुलशन बुधवार रात परदेशीपुरा इलाके की मंडी में स्कॉर्पियो से पहुंचा तो उसे गिरफ्तार कर लिया।
विजयनगर थाने के दो सिपाहियों की ड्रग तस्करों संग फोटो वायरल
विजयनगर थाने के पुलिस जवानों की भी ड्रग तस्करों के साथ फोटो व वीडियो वायरल हो चुकी है। असल में क्राइम ब्रांच ने नशे के मामले में आरोपी आमिर गौरी के खिलाफ केस दर्ज किया था। यही आमिर गौरी पहले क्राइम ब्रांच से हटाए गए एक सिपाही का मुखबिर था और उसने अब तक 22 से ज्यादा ड्रग तस्करों की गिरफ्तारी में पुलिस की मदद की थी। जब उसका संपर्क क्राइम ब्रांच से टूट गया, तो उसने विजयनगर क्षेत्र में दो मामलों में पुलिस को जानकारी दी। ड्रग तस्कर आमिर गौरी के साथ विजयनगर थाने में पदस्थ सिपाही कुलदीप गडकर और नीलेश मल्होत्रा की तस्वीरें वायरल होने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया था। यह फोटो करीब छह महीने पुराना बताया जा रहा है, लेकिन अब इस मामले में कार्रवाई की गई है।