इंदौर पुलिस ने ड्रग तस्कर को होटल में बनाया बंधक , फिर 20 लाख रुपए लेकर छोड़ा
पिछले दिनों खजराना में पकड़े गए एमडी ड्रग के आरोपी ने थाने के ही एक सिपाही की पोल खोल दी थी। सिपाही की गिरफ्तारी के बाद ड्रग तस्कर और पुलिस जवान से पूछताछ में दो टीआई के नाम भी सामने आ चुके हैं।
इंदौर पुलिस की ड्रग तस्करों से सैटिंग को लेकर अब नई कहानी सामने आ रही है। विजय नगर पुलिस ने ड्रग तस्कर को पकड़ा तो सही, लेकिन कार्रवाई के लिए नहीं बल्कि सैटिंग के लिए। पुलिस उसे थाने ले जाने के बजाय होटल ले गई और वहां पर बंधक बनाकर छोड़ने के लिए डील की। लगभग 20 से 22 लाख रुपए में सैटिंग की और उसे छोड़ दिया। बाद में उसी तस्कर को ढूंढने का नाटक करती रही, जिसे दो दिन पहले ही तेजाजी नगर पुलिस ने पकड़ लिया। आरोप है कि ड्रग तस्कर को छोड़ने के लिए विजय नगर पुलिस से सैटिंग कराने में क्राइम ब्रांच के प्रमोद तोमर की मुख्य भूमिका रही थी।
दो टीआई के नाम पहले ही सामने आ चुके हैं
पिछले दिनों खजराना में पकड़े गए एमडी ड्रग के आरोपी ने थाने के ही एक सिपाही की पोल खोल दी थी। सिपाही की गिरफ्तारी के बाद ड्रग तस्कर और पुलिस जवान से पूछताछ में दो टीआई के नाम भी सामने आ चुके हैं। वहीं, विजय नगर थाने के टीआई भी ड्रग तस्कर को छोड़ने के मामले में अब सीपी की रडार पर आ चुके हैं। अब पुलिस पर ड्रग तस्करों से सैटिंग के आरोप लग रहे हैं और पुलिस इंटरनल जांच में जुटी है। प्रारंभिक तौर पर सीपी ने एक्शन लेते हुए कई संदिग्धों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें अलग-अलग थानों के 14 सिपाहियों को लाइन अटैच कर दिया गया है।
विजयनगर पुलिस ने वसीम को पकड़ा, थाने के बजाय होटल ले गए
जिन ड्रग तस्करों को तेजाजी नगर की टीम ने पकड़ा है, उन्होंने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनके खुलासे से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक, तेजाजी नगर पुलिस ने जिस ड्रग्स सप्लायर को पकड़ा था, उसने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। तीन महीने पहले विजय नगर थाना पुलिस ने ड्रग्स सप्लाई के मुख्य आरोपी वसीम को गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस उसे थाने नहीं ले गई। उसे एक होटल में ले जाया गया, जहां लेन-देन के बाद उसे छोड़ दिया गया। वसीम को छोड़ने के लिए क्राइम ब्रांच के प्रमोद तोमर ने विजय नगर थाने के पुलिसकर्मियों से सेटिंग की थी।
सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी वसीम ने यह भी कबूल किया है कि विजय नगर थाने के पुलिसकर्मी मुकेश जादौन, प्रमोद शर्मा और लोकेन्द्र खींची ने मिलकर 20 से 22 लाख रुपए की डील कर वसीम को छोड़ दिया। यह डील क्राइम ब्रांच में पदस्थ प्रमोद तोमर ने पुलिसकर्मियों के साथ की थी। आरोपी को थाने ले जाने के बजाय एक निजी होटल में बंधक बनाकर रखा गया और वहीं लेन-देन के बाद उसे छोड़ दिया गया। विजय नगर थाने में उस वक्त पैडलर अजहर पन्नी, मुनीर और अबू बकर को पकड़ा गया था। ये सभी लोग वसीम से जुड़े थे।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जॉन-1 के डीसीपी विनोद मीना की टीम ने तेजाजी नगर में भूरू बैंड वाले को पकड़ा। जांच के दौरान भूरू से पता चला कि वसीम को पुलिस ने सेटिंग कर छोड़ दिया था। अब इस मामले में तेजाजी नगर एसीपी करणदीप और चार आईपीएस अफसर जांच कर रहे हैं।
यह पूरा मामला तेजाजी नगर पुलिस की कार्रवाई से जुड़ा है। पुलिस ने पहले आजाद नगर से शाहरुख पेट्रोल और विजय पाटीदार को पकड़ा, जिनके पास से 2 करोड़ का ड्रग मिला। पूछताछ में शाहरुख ने बताया कि वह सिपाही लखन के संरक्षण में ड्रग्स सप्लाई कर रहा था। इसके बाद पुलिस ने लखन को गिरफ्तार किया और उसे तेजाजी नगर थाने बुलाया गया। लखन के साथ ही दलाल राजा बाबू को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अब पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है।