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Photograph: (the sootr)
INDORE. इंदौर में भयावह ट्रक हादसे में चार की मौत के बाद भी ड्राइवर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाईकोर्ट में लगातार जिम्मेदारों से सवाल पूछे जा रहे हैं। इंदौर ट्रैफिक पुलिस नो इंट्री में चेकिंग और जांच चला रही है। ड्राइवर नशे में ट्रक, बस चलाना नहीं छोड़ रहे हैं।
खासकर स्कूली बसों में बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा मामला अब इंदौर में प्रेस्टीज स्कूल की बसों में मिला है। इसके पहले मेडिकैप्स की बसों से दो हादसे में तीन की मौत हो चुकी है। स्कूल/कॉलेज प्रबंधन हर बार आउटसोर्स का बहाना बनाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है।
एक नहीं तीन बसों में ड्राइवर नशे में
लसूडिया पुलिस ने रात को वाहन चेकिंग के दौरान सत्य साईं चौराहे पर प्रस्टीज स्कूल की बसों को रोका। ब्रीथ एनाइजर से चेक किया तो बस ड्राइवर नशे में मिले।
तीनों बसों को जब्त कर लिया गया है। तीनों ही बसों में स्कूली बच्चे सवार थे। सांवेर रोड पर आयोजित मंथन कायर्क्रम में शामिल होकर यह लौट रही थी।
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इस तरह मिले ड्राइवर नशे में
एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि तीन प्रेस्टीज स्कूल की बसों के चालक नशे में पाए गए। बस नंबर एमपी09 एफ ए8073 के चालक संतोष, एमपी 09एफ डीपी 3158 के चालक योगेश, और एमपी 09 पीडी 3147 के चालक गजराज थे। पुलिस ने ब्रीथ एनालाइजर से इन तीनों ड्राइवरों की जांच की, और यह नशे में पाए गए। इन तीनों ड्राइवरों पर धारा 185 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया।
इंदौर में नशेड़ी ट्रक ड्रायवरों के खिलाफ अभियान को ऐसे समझें
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आउटसोर्स का बोल प्रबंधन झाड़ता है पल्ला
स्कूली बच्चों से फीस तो स्कूल प्रबंधन लेता है लेकिन जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। स्कूल बस व्यवस्था को अधिकांश स्कूल प्रंबधन ने आउटसोर्स कर रखा है। प्रबंधन यही बोलकर पल्ला झाड़ लेता है कि यह आउटसोर्स व्यवस्था है, उनकी जिम्मेदारी नहीं है। इसके पहले मैडीकैप्स की बसों से भी दो हादसे हो चुके हैं और तीन की मौत हो चुकी है। हादसों के बाद भी प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इधर 149 बसों पर कार्रवाई
ट्रैफिक डीसीपी आनंद कलादगी के आदेश पर अब कार्रवाई हो रही है। ट्रैफिक पुलिस ने बसों के खिलाफ एक खास चेकिंग अभियान चलाया। कई बस ड्राइवर ऐसे थे जो प्रतिबंधित इलाकों में बसें खड़ी करके सवारियों को चढ़ा–उतारा करते थे, जिससे ट्रैफिक में रुकावट आ रही थी।
इसके अलावा, बसों में ज्यादा सवारियां बैठाना, सही वर्दी न पहनना, गलत तरीके से बस खड़ी करना और अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी देखा गया। इन सभी आरोपों पर इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने कुल 149 बसों के खिलाफ कार्रवाई की।
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ट्रैफिक हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायतें
इंदौर पुलिस कमिशनर संतोष सिंह के निर्देश पर शुरू हुए ट्रैफिक हेल्पलाइन वाट्सअप नंबर 7049107620 पर लगातार शिकायतें आ रही है। शनिवार को 19 शिकायत मिलीं। इसमें 17 का हल तत्काल हुआ। अभी तक कुल 934 शिकायतें मिली हैं, 916 का निराकरण हुआ है।
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