इंदौर में एक और अस्पताल का घिनौना खेल: प्रसूता की हालत बिगड़ी तो सरकारी अस्पताल के बाहर फेंक भागे!

इंदौर के सेहरानिया हॉस्पिटल की घोर लापरवाही सामने आई है। डिलीवरी के दौरान प्रसूता की हालत बिगड़ गई। अस्पताल ने इलाज करने के बजाय उसे सरकारी अस्पताल के बाहर लावारिस छोड़ दिया। इस गंभीर मामले की जांच अब स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।

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Rahul Dave
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Photograph: (the sootr)

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INDORE. इंदौर के सेहरानिया हॉस्पिटल की शर्मनाक लापरवाही की खबर आई है। डिलीवरी के लिए भर्ती महिला की हालत अचानक बहुत बिगड़ गई थी। अस्पताल स्टाफ ने इलाज की जिम्मेदारी लेने से साफ इनकार कर दिया। महिला को एम्बुलेंस में बैठाकर सरकारी अस्पताल के बाहर फेंक दिया गया।
सरकारी डॉक्टरों ने महिला को तुरंत अंदर लेकर इलाज शुरू कर दिया। इस घटना की हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने तुरंत सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई। मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल जांच शुरू कर दी है।

डिलीवरी नॉर्मल बताकर रुपए वसूले

14 नवंबर को अमरिन बी को प्रसव के लिए सेहरानिया हॉस्पिटल लाया गया था। हॉस्पिटल एक माह पहले ही खुला था। परिवार का आरोप है कि डॉक्टर नुसरत ने केस को नॉर्मल डिलीवरी बताते हुए 13 हजार रुपए वसूले। लेकिन बाद में अलग-अलग बहानों से लगभग 11 हजार रुपए और वसूल लिए।
डिलीवरी के लिए अंदर तो ले गए, लेकिन महिला की हालत अचानक बिगड़ने लगी। वहां अस्पताल में पर्याप्त उपकरण मौजूद नहीं थे, इसलिए डॉक्टर घबरा गए।  डॉक्टर ने हाथ खड़े करके महिला को सरकारी अस्पताल के बाहर छोड़ दिया।
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रिफर का नाटक-एमवाय कहकर एमटीएच में छोड़कर फरार

हालत बिगड़ने पर स्टाफ ने परिजनों को 'ब्लड लाने' के बहाने बाहर भेज दिया। इसी दौरान उन्होंने महिला को एंबुलेंस से गुपचुप तरीके से शिफ्ट करना शुरू किया। परिजन को शंका हुई तो वे तुरंत एंबुलेंस का पीछा करने के लिए निकल पड़े। उन्होंने देखा कि महिला को एमटीएच हॉस्पिटल के बाहर उतार दिया गया था। महिला की गंभीर हालत देखकर अस्पताल स्टाफ मौके से तुरंत भाग निकला। यह देखकर परिवार घबराया और एमटीएच के डॉक्टरों से मदद मांगी।

डिलीवरी के दौरान बच्चेदानी कट गई थी, आईसीयू में भर्ती

एमटीएच के डॉक्टरों ने जांच में प्रसव के समय लापरवाही पाई है। लापरवाही के कारण महिला की बच्चेदानी ब्लेड से बुरी तरह कट गई थी। डॉक्टरों ने इसे स्पष्ट रूप से चिकित्सीय लापरवाही (Medical Negligence) कहा है। महिला की हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया।
डॉक्टर बोले, थोड़ी भी देर होती तो महिला की जान जा सकती थी। उनके शरीर से बहुत सारा रक्त बह चुका था, जो खतरनाक था। आठ दिन तक आईसीयू में इलाज के बाद अब महिला की हालत सामान्य है। 24 नवंबर को महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। महिला के डिस्चार्ज होने के बाद यह गंभीर मामला सामने आया है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में मारी दबिश

मामला इंदौर स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में आने के बाद टीम तुरंत सेहरानिया हॉस्पिटल पहुंची। जांच में- 
  • अस्पताल में गंभीर अनियमितताएं मिली
  •  दस्तावेज जब्त किए गए
  •  लाइसेंस से लेकर स्टाफ की योग्यता तक पर सवाल उठे
  • अस्पताल की बदइंतजामी देखकर विभाग ने पुलिस को भी रिपोर्ट भेजी है।
  • परिजन बोले- “केस खराब किया, फिर भाग गए”

पीड़िता के पति सलमान का आरोप

“डॉक्टरों ने पैसे के लालच में डिलीवरी खराब कर दी। जब हालत बिगड़ी तो अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए पत्नी को रास्ते में छोड़कर भाग निकले। मामले में हमें इंसाफ चाहिए।”

जिम्मेदार अधिकारी का लापरवाही पूर्वक जवाब 

पूरे मामले में cmho डॉ हंसानी से बात की गई तो उन्होंने पहले तो बोला मामले की जानकारी नहीं है। फिर बोले रोज शिकायतें आती है कैसे बताएं।
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