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इंदौर में जमीन की कीमत बढ़ने के साथ ही अब भूस्वामियों के साथ बिल्डर अधिक से अधिक रेशो डील कर रहे हैं। अब आयकर विभाग इन सभी ज्वाइंट वेंचर की जांच कर रहा है। ऐसा सीबीडीटी के आदेश से किया जा रहा है। इसकी वजह बनी है आयकर एक्ट की नई धारा।
सीबीडीटी ने दिए आदेश
सीबीडीटी ने सभी विभाग के रीजनल अधिकारियों को आदेश दिए हैं। इसके तहत वित्तीय साल 2021-22 से अभी तक के सभी ऐसे प्रोजेक्ट की जांच के लिए कहा है, जिनमें ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट हुए हैं। सीबीडीटी ने आयकर एक्ट की नई धारा 45(ए) के तहत ऐसे सभी जमीन मालिकों से कैपिटल गेन टैक्स की वसूली करने के निर्देश दिए हैं। इन्होंने अपनी जमीन के लिए कॉलोनाइजर के साथ करार किया है।
रेरा से एनओसी के साथ ही वसूला जाएगा टैक्स
आदेश के अनुसार रेरा से कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र लेने के साथ ही इनसे टैक्स की वसूली की जाएगी। सीबीडीटी के आदेश के बाद अब इंदौर आयकर विभाग ने इन प्रोजेक्ट की जांच शुरू कर दी है। इसके तहत कई किसान भूस्वामी दायरे में आएंगे।
इंदौर रियल सेक्टर में रेशो डील प्रोजेक्ट की खबर पर एक नजर
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इंदौर में रेशो डील ही प्रचलन में
इंदौर में हाल के समय में जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। ऐसे में अब किसान/भूस्वामी और बिल्डर के बीच रेशो डील का अधिक प्रचलन बढ़ा है। इसमें जमीन किसान की होती है और कॉलोनी की सभी मंजूरियां लेने, डेवलपमेंट का काम बिल्डर करता है। बदले में दोनों को निर्मित प्रापर्टी का हिस्सा बेचने का अधिकार मिलता है।
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