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sanjay agarwal
इंटरनेशनल लेवल पर क्रिकेट और टेनिस का सट्टेबाजी रैकेट चलाने वाले उज्जैन के पीयूष चोपड़ा और उसके नेटवर्क पर ईडी इंदौर ने 12 दिसंबर को इंदौर, उज्जैन और लुधियाना में छापे मारे थे। इसमें एक आरोपी इंदौर का संजय अग्रवाल भी था। सात जनवरी को ईडी ने संजय अग्रवाल के लॉकर को खोला तो उसमें 3.50 किलो विदेशी सोना मिला है। साथ ही 750 ग्राम ज्वेलरी भी मिली है। इन सभी की कुल कीमत 3.36 करोड़ रुपए आंकी गई है। अब यह संजय अग्रवाल कौन है, इसकी पूरी कहानी सुनकर चौंक जाएंगे। इनके घर में सोना लगा हुआ है, वह भी वाश बेसिन में।
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समाजसेवा ट्रस्ट गोल्ड क्वाइन का कर्ताधर्ता अग्रवाल
अग्रवाल और कोई नहीं बल्कि गोल्ड क्वाइन सेवा ट्रस्ट के प्रमुख हैं और यह ट्रस्ट इन्हीं का है। यह दवाएं और अन्य मेडिकल सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध कराते हैं और इनका मुख्य कार्यालय दशरथ सेवाश्रम, चाणक्यपुरी, अन्नपूर्णा रोड पर है।
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अग्रवाल के घर पर सोने का वॉश बेसिन
अग्रवाल सोने के इतने शौकीन हैं कि उन्होंने अपने अंजनी नगर एरोड्रम स्थित घर पर सोने की पेनलिंग कराई हुई है। उनके घर में वॉश बेसिन और मंदिर में भी गोल्ड का वर्क किया हुआ है। इसलिए उन्होंने अपने गोल्ड प्रेम के कारण ही ट्रस्ट का नाम भी गोल्ड क्वाइन रखा हुआ है।
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ED इंदौर ने क्रिकेट सट्टेबाज संजय अग्रवाल के लॉकर से 3.50 किलो सोना किया जब्त
गोल्ड की सट्टेबाजी से चमके थे अग्रवाल
संजय अग्रवाल भले ही अभी क्रिकेट की सट्टेबाजी केस के कारण उलझे हैं, लेकिन वह गोल्ड का एमसीएक्स यानी सट्टे का खेल करते थे। साथ ही चांदी के लिए भी दांव होते थे। उन्हे संजय बजरंग के नाम से सट्टा बाजार जानता था। बाद में उन्होंने साल 2019 में गोल्ड क्वाइन ट्रस्ट बना लिया और सट्टेबाजी के नाम को चमकाने के लिए समाजसेवी का चेहरा भी अपनाया, लेकिन सट्टेबाजी से पीछा नहीं छूट और पहले उज्जैन पुलिस की जांच और फिर ईडी के छापे ने उनकी पोल खोलकर रख दी।
ED, Indore has conducted search operations on 07/01/2025 at the Bank Locker belonging to accused Sanjay Agrawal in the case of illegal Cricket/ Tennis Betting. During the search operations, gold bullion of 3.50 kg having foreign marking along with jewellery of 750 gms having… pic.twitter.com/AXSmdvUras
— ED (@dir_ed) January 8, 2025
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सट्टेबाज के राज्यपाल से भी संबंध
अग्रवाल ने सट्टेबाजी से जमकर पैसा कमाया और फिर राजनीतिक वरदहस्त के लिए दांव चलाया और अपने नेटवर्क के जरिए कुछ नेताओं से जुड़ गया। इसमें से एक नेता दक्षिण के राज्य के राज्यपाल हैं और इनके साथ उसके इतने करीबी संबंध है कि मिलना-जुलना लगा रहता है। इसके साथ ही कई और नेताओं से भी अग्रवाल के संबंध करीबी है। इनके साथ वह लगातार कई फोटो भी सोशल मीडिया पर अपलोड करता रहा है।
संजय अग्रवाल यह बोले-
वहीं इस मामले में द सूत्र ने संजय अग्रवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरा क्रिकेट सट्टेबाजी से कोई वास्ता नहीं है। पुलिस ने क्यों पीयूष चौपड़ा के साथ मेरा नाम जोड़ा नहीं पता, ना ही ईडी का छापा क्यों हुआ यह पता चला। उन्होंने साथ ही कहा- लॉकर में जो सोना मिला, तो वह मेरा है इसमें गलत कुछ नहीं है, क्योंकि 12 लोग परिवार में हैं तो इतना सोना तो हो सकता है। लेकिन मेरा सट्टेबाजी या अनैतिक गतिविधियों से कोई वास्ता नहीं है, मैं तो समाजसेवा से जुड़ा हुआ हूं।
इसके पहले ईडी ने यह जब्त किया था
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इंदौर ने अवैध क्रिकेट/टेनिस सट्टेबाजी के मामले में 12 दिसंबर 2024 को इंदौर, उज्जैन और लुधियाना में 5 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। ईडी ने अवैध क्रिकेट/टेनिस सट्टेबाजी के संबंध में उज्जैन पुलिस, मध्य प्रदेश द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि पीयूष चोपड़ा ने अपने दूसरे सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके प्राप्त सिम कार्ड का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर अवैध क्रिकेट सट्टेबाजी का संचालन करके अपराध की आय अर्जित की है। ईडी ने छापा मारकर मौके पर ही आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, 31 लाख रुपए की बेहिसाबी नकदी और बैंक खातों, सावधि जमा (Fixed Deposit) और म्यूचुअल फंड इकाइयों के रूप में निवेश में कुल 8 करोड़ रुपए की राशि जब्त की थी।
इस तरह चलता था क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट
चोपड़ा और अन्य आरोपियों ने एक सट्टेबाजी सेटअप स्थापित किया, जहां वह और उनके कर्मचारी LONDONEXCH9.COM नामक वेबसाइट पर दांव लगाते थे। उन्होंने दांव लगाने और जीत हासिल करने के लिए हवाला लेनदेन का इस्तेमाल किया। अभय चोपड़ा और संजय अग्रवाल पर भी ऑनलाइन सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल होने और अवैध आय अर्जित करने का आरोप है।
उज्जैन पुलिस ने किया था भंडाफोड़
उज्जैन में क्राइम ब्रांच, साइबर टीम, थाना नीलगंगा और खाराकुआं पुलिस ने सीएम डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद जून में चोपड़ा पर कार्रवाई की थी। इसमे 41 मोबाइल फोन, 19 लैपटॉप, 5 मैक-मिनी, 1 आईपैड, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सिमें, 2 पेन ड्राइव, 3 मेमोरी कार्ड के साथ दूसरे संचार उपकरण जब्त किए गए थे। साथ ही 9 आरोपी गिरफ्तार किए और 15 करोड़ की नकदी पकड़ी थी। आरोपी पंजाब, राजस्थान और मध्यप्रदेश में रहता और अपना नेटवर्क चलाता था।
इस तरह चलता है नेटवर्क
दरअसल, पुलिस को 13 जून 2024 को मुखबिर से सूचना मिली कि थाना नीलगंगा क्षेत्र स्थित 19 ड्रीम्स कॉलोनी के डूप्लेक्स नं 18 में पीयूष चोपड़ा के साथ पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ लोग कई दिनों से व्यापक स्तर में अंतर्राष्ट्रीय सट्टा खिला रहे हैं। पुलिस की दबिश में क्रिकेट टी-20 वर्ल्ड कप के बांग्लादेश व नीदरलैंड का मैच पर सट्टा खिलाते और लगाते आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से कुल 41 मोबाइल फोन, 11 लैपटॉप, 1 मैक-मिनी, 1 आईपैड, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सिमें, 2 पेनड्राइव, 3 मेमोरी कार्ड सहित अन्य संचार उपकरण जब्त किए हैं। गिरफ्तार किए गए 9 आरोपियों में से 1 राजस्थान, 4 पंजाब और 4 मध्यप्रदेश के नीमच के निवासी हैं।
बाद में चोपड़ा को पकड़ा
बाद में पुलिस को सूचना मिली की सरगना चोपड़ा मुसद्दीपुरा थाना खाराकुआं स्थित घर आया है। इस पर पुलिस ने दबिश दी जिसमें अंतरराष्ट्रीय करेंसी, चांदी की सिल्लियां एवं एप्पल मैक मिनी सीपीयू, 11 लैपटॉप सहित अलग-अलग रंग के 11 बैगों में भारतीय रुपये कुल 14.58 करोड़ नकद जब्त किए गए।
इंदौर में यहां रहा है ठिकाना
पीयूष चोपड़ा द्वारा गोपनीय तरीके लंबे समय से 19 ड्रीम्स कॉलोनी इंदौर रोड़ स्थित घर पर ही सट्टा संचालित किया जा रहा था। बाद में धंधा चला और उसने londonexch9.com ऑनलाईन वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन कराकर आई.डी. एवं पासवर्ड अपने साथियों को खाई-लगाई करने के लिए उपलब्ध कराई। londonexch9.com वेबसाईट पर लाईव क्रिकेट और टेनिस के मैच के भाव के मुताबिक match-bet और session-bet प्रदर्शित होती हैं। इन पर bet लगाने के संबंध में पीयूष चोपड़ा अपने पंटरों को निर्देशित करता था । पूरे मैच के दौरान बुकीज़/पंटरों द्वारा zoom meeting ऐप के द्वारा और SimTodo.Apk एप्लीकेशन द्वारा लाइव कनेक्टिविटी लेकर लाईन लगातार चलती रहती थी, जिस पर बुकीज व पंटर लाइव कम्युनिकेशन में रहते थे। एक मैच में करोड़ों रुपयों की हार-जीत की बाजी लगाई जाती थी।
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