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INDORE. इंदौर में बाणगंगा थाने में पदस्थ एसआई तेरेश्वर इक्का के साथ मारपीट करने वाले, उनसे माफी मंगवाने वाले और वायरलेस तोड़ने वाले जेल प्रहरी विकास डाबी और उसका दोस्त रवि राठौड़ को पुलिस रिमांड में ले लिया गया है। इन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जहां से रिमांड पर लिया गया।
टूटे हाथ-पांव, पुलिस निकाला जुलूस
द सूत्र ने यह मुद्दा उठाया था कि खाकी का मान रखने के लिए जरूरी है कि इंदौर पुलिस सख्त हो और गुंडा तत्वों के हाथ-पांव तोड़े जाएं। इसी कदम पर चलते हुए पुलिस ने दोनों का जुलूस निकाला। इस दौरान उनके हाथ-पांव पर पट्टियां मिली, यानी खातिरदारी में पुलिस ने कोई कमी नहीं रखी। वहीं दोनों ही कान पकड़कर माफी मांगते हुए चले कि गलती हो गई, फिर ऐसा नहीं करेंगे।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
इन आरोपियों पर क्राइम नंबर 138 /24 में धारा 127( 2), 121, 296, 115(2), 132, 3(5) के तहत केस किया है। इसमें आरोपी रवि पिता प्रेम सिंह राठौड़ उम्र 25 साल निवासी 71/1 शिवकंठ नगर और विकास पिता रमेश डाबी उम्र 29 साल निवासी 470 दीवाल वाली गली शिवकांत नगर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी विकास जोबट जिला अलीराजपुर में उप जेल में जेल प्रहरी के रूप में पदस्थ है। दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर सात फरवरी तक का पुलिस रिमांड प्राप्त किया है।
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दो फरार आरोपियों की तलाश जारी
मामले में शेष दो आरोपी अरविंद और विकास दोनों की तलाश जारी है। बता दें कि चारों आरोपियों ने मिलकर एसआई को पीटा था। जब वह अपनी ड्यूटी पर था। ना सिर्फ पीटा, बल्कि जीप में बैठाया, हाथ-पैर जुड़वाए और वायरलेस सेट छीना। इस मामले पर कांग्रेस ने जहां सरकार पर तंज कसा वहीं डीजीपी कैलाश मकवाना ने इस घटना पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि- यह घटना दुर्भाग्यजनक है और सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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जीतू पटवारी ने उठाया मामला
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी यह बोले थे- इंदौर में "थर्ड-डिग्री" की सिक्योरिटी है! मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और प्रभारी मंत्री! फिर भी गुंडे पुलिस को पीट रहे हैं! @DrMohanYadav51 जी, भोपाल-इंदौर के बीच वंदे भारत ट्रेन का किराया ₹910 है! कभी समय निकालिए! कानून व्यवस्था भले ही ठीक न हो, लेकिन वीडियो जरूर अच्छा बन जाएगा!
जानें पूरा मामला
बाणगंगा थाने में पदस्थ एसआई तेरेश्वर इक्का ड्यूटी पर थे। इसी दौरान जीप में बैठे चार लोग शराब पी रहे थे। एसआई ने इन्हें रोका तो विवाद करने लगे। इसमें जेल प्रहरी जोबट जेल विकास डाबी व अन्य तीन दोस्त थे। यह सभी एसआई पर धौंस जमाने लगे कि हमें रोकेगा। फिर उनका बैच और वायरलेस सेट छीना और फिर जमकर पीटा। डाबी और दोस्त यही नहीं रूके, उन्होंने एसआई इक्का को जीप में बिठाया और फिर मारपीट करते हुए माफी मंगवाई।
मेट्रो में काम करने वाले कर्मचारियों को बुलवाया और एसआई पर वसूली के आरोप लगाए। फिर उसे छोड़ कर भाग गए। आरोपियों ने उन्हें नकली पुलिस बताया और जमकर पीटा, गालियां दी। जब विवाद शुरू हुआ तो एसआई ने सेट पर मदद भी मांगी लेकिन कोई नहीं पहुंचा। बाद में एफआईआर के लिए भी वह कई घंटे परेशान हुए। बाद में डाबी और उसके दोस्त को पकड़ा गया और शासकीय काम में बाधा, मारपीट का केस हुआ।
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इंदौर में लगातार पिट रही पुलिस
इंदौर में अब पुलिस ही सेफ नहीं है। इंदौर में यह पहला वाक्या नहीं है। ट्रैफिक पुलिस तो लगातार पिट रही है। एक एएसआई ट्रैफिक के पैर पर कार ही चढ़ाकर कार चालक ले गया। एक मंत्री के समर्थक गुंडे के बेटे ने रोबोट चौराहे पर जवान को पटककर मारा था और शराब के नशे में जमकर अभद्र व्यवहार किया। नगर निगम चौराहे पर सितंबर में ट्रैफिक एसआई के साथ झूमाझटकी हुई थी और वर्दी फट गई थी।
डीआईजी की कार पर भी हुआ था हमला
इसके पहले स्टार चौराहे के पास अक्टूबर 2024 में नारकोटिक्स डीआईजी महेशचंद्र जैन की कार पर ही वाहन चालक ने हमला कर दिया था।
गुंडों की करो ठुकाई, मत बढ़ाओ इनके भाव
पुलिस हाईप्रोफाइल मामलों में जिस तरह से दबी हुई है, उसके बाद ही गुंडों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। चाहे मामला जीतू यादव उर्फ जाटव का हो या फिर पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के बेटे के शोरूम पर तोड़फोड़ व पोते के साथ मारपीट का या फिर मंत्री के करीबी कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी का। सभी मामले में पुलिस की घिग्घी बंधी रही। गुंडे खुलकर सोशल मीडिया पर अपना हथियारों के साथ प्रचार कर रहे हैं, हूटर लगी गाड़ियों से घूम रहे हैं और खुलकर पोस्टर, विज्ञापन छपवा रहे हैं। हालत तो यह है कि इन पोस्टर में अब नेताओं के साथ ही सीएम की भी फोटो खुलकर लगाई जा रही है। बड़े गुंडे खासकर राजनीतिक संरक्षण वाले खुल्ले हैं और उन्हें पुलिस का कोई खौफ नहीं है।
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