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Photograph: (THESOOTR)
INDORE. इंदौर की तीर्थ गोपीकान कंपनी द्वारा मप्र जल निगम लिमिटेड के 974 करोड़ के सिंचाई के लेने के लिए 184 करोड़ की बैंक गारंटी ली थी जो बाद में फर्जी निकली। इस मामले में हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश पर CBI को केस सौंपा गया। सीबीआई ने 9 मई को इस संबंध में तीन प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। 'द सूत्र' ने ही इस खबर को 11 मई को ब्रेक किया था। अब सीबीआई ने इसमें जांच के बाद बड़ी कार्रवाई की है।
सीबीआई ने की दो बैंक मैनेजर की गिरफ्तारी
सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर सहित दो लोगों को कोलकाता से गिरफ्तार किया है l दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया जा रहा है l इस मामले में सीबीआई ने तीन केस दर्ज किए थे l दो दिनों में सीबीआई ने एमपी सहित 5 राज्यों के 23 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था।
जांच में सामने आया कि जब इन बैंक गारंटी के लिए मप्र जल निगम लिमिटेड (एमपीजेएनएल) ने प्रारंभिक सत्यापन किया तो पीएमबी के आधिकारिक डोमेन की कापी कर फर्जी तरीके से ईमेल पर इन गारंटी को सही बताया गया, इस पर भरोसा करते हुए, एमपीजेएनएल ने फर्म को तीन अनुबंध दिए, जिनकी कीमत 974 करोड़ रुपए से अधिक थी।
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दो दिन तक सीबीआई ने चलाया अभियान
इस मामले में, सीबीआई ने दिनांक 19.06.2025 और 20.06.2025 को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इसमें पांच राज्यों यानी नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश के 23 स्थानों पर तलाशी ली गई। इसके बाद कोलकाता से पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ प्रबंधक सहित दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई।
दोनों व्यक्तियों को आज कोलकाता में स्थानीय क्षेत्राधिकार वाली अदालत में पेश किया गया और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया जाएगा। जांच से पता चला है कि कोलकाता स्थित एक सिंडिकेट कई राज्यों में सरकारी ठेके हासिल करने के लिए व्यवस्थित रूप से फर्जी बैंक गारंटियां तैयार कर उन्हें प्रसारित कर रहा है। आगे की जांच अभी जारी है।
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गोपीकान कंपनी ने किया था इंदौर में सबसे बड़ा सौदा
हाल ही में यह तीर्थ गोपीकान कंपनी तब चर्चा में आई थी जब कुक्कुट पालन केंद्र स्मार्ट सिटी इंदौर की जमीन का 454 करोड़ में सबसे बड़ा रियल एस्टेट सौदा किया था। लेकिन अब सीबीआई जांच के बाद यह सौदा भी उलझन में आ चुका है।
सीबीआई केस में रावजी बाजार थाने की शिकायत आधार
हाईकोर्ट जबलपुर ने इस मामले में सीबीआई को जांच कर 30 जून तक रिपोर्ट देने के लिए कहा हुआ है। इस मामले में कंपनी का तर्क है कि उन्हें नहीं पता था कि यह बैंक गारंटी फर्जी है। इसके लिए उन्होंने रावजी बाजार इंदौर थाने में शिकायत भी दे दी थी।
हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिए हैं कि कंपनी ने धोखाधड़ी की है या फिर वह खुद धोखे का शिकार हुई है इसकी जांच सीबीआई करे। हाईकोर्ट के फैसले पर रावजी बाजार थाने में धोखाधड़ी की विविध धाराओं में हुई शिकायत को आधार पर बनाकर सीबीआई ने यह केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
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यह है पूरा मामला-
जल निगम का टेंडर कंपनी को मिला और इसके लिए उसने पीएनबी कोलकाता की नार्थ 24 परगना ब्रांच की बैंक गारंटी 184 करोड़ की दी। यह बैंक गारंटी 20 मार्च 2023 की थी। 25 अप्रैल 2025 को कंपनी को जल निगम से नोटिस मिला कि यह बैंक गारंटी फर्जी है। कंपनी को तत्काल नई बैंक गारंटी देने के आदेश दिए गए।
इस पर कंपनी हाईकोर्ट में गई और वहां कहा कि उनसे बैंक अधिकारी मिले और यह गारंटी दी गई। हमे भी अब पता चला कि यह फर्जी है जब जल निगम से नोटिस आया, तो इस मामले में धोखाधड़ी तो हमारे साथ हुई है, इसकी शिकायत हमने रावजी बाजार थाना इंदौर में की है। इस पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए। साथ ही एक महीने में कंपनी को नई बैंक गारंटी देने के लिए कहा है, तब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई पर रोक लगाई है।
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कंपनी मूल रूप से गुजरात की, यह है एमडी, डायरेक्टर
कंपनी मूल रूप से अहमदाबाद (गुजरात) की है। मप्र में इसका आफिस इंदौर में 204, अमर मेट्रो पगनिस पागा इंदौर में हैं। कंपनी के एमडी महेश भाई कुंभानी है, इसमें प्रमोटर व डायरेक्टर चंद्रिकाबेन कुंभानी और नान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पल्लव कुंभानी है। कंपनी मूल रूप से सरकार के सिविल इंजीनियरिंग वर्क्स के टेंडर लेती है।
कंपनी ने इंदौर, उज्जैन, छतरपुर जैसे शहरों में कई प्रोजेक्ट किए हैं। इंदौर में नगर निगम और स्मार्ट सिटी के तहत सराफा प्रोजेक्ट, नाला टैपिंग, एसटीपी प्रोजेक्ट, सरवटे प्रोजेक्ट जैसे कई प्रोजेक्ट किए हैं, उज्जैन में अमृत 2.0 प्रोजेक्ट किया है।
इंदौर बैंक गारंटी घोटाला | मध्य प्रदेश जल निगम
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