हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बिकने का मामला

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शराब बिक्री पर एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने के मामले में नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं और सरकार दोनों को वित्तीय नुकसान हो रहा है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शराब की बिक्री में एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने पर सुनवाई की। याचिका में आरोप है कि शराब विक्रेता आबकारी विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अधिक कीमत पर शराब बेच रहे हैं। इससे राज्य सरकार और उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान हो रहा है। यह याचिका जबलपुर के वकील दीपांशु साहू ने दायर की थी।

एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने का आरोप

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शराब की बिक्री एमआरपी से अधिक दरों पर की जा रही है। यह न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए एक धोखाधड़ी है, बल्कि राज्य सरकार को भी इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि जिस अतिरिक्त राशि की वसूली की जा रही है, उस पर कोई टैक्स नहीं दिया जा रहा है।

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कोर्ट का निर्णय और नोटिस

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, इस पर तुरंत सुनवाई की। कोर्ट ने आबकारी आयुक्त, राज्य के वाणिज्यिक कर आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी और जबलपुर के कलेक्टर को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की बेंच ने चार सप्ताह के भीतर सभी प्रतिवादियों से जवाब देने का आदेश दिया है।

आबकारी विभाग की मिलीभगत

याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि आबकारी विभाग के कर्मचारी और शराब विक्रेता मिलकर एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने की अनुमति दे रहे हैं। इससे ग्राहकों को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही राज्य सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।

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राज्य सरकार और उपभोक्ताओं को हो रहा नुकसान

विक्रेताओं द्वारा वसूली गई अतिरिक्त कीमत पर कोई टैक्स नहीं लिया जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह स्थिति आर्थिक दृष्टि से बहुत हानिकारक है। ग्राहकों से अधिक वसूली जा रही है, और इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

ओवर रेट में शराब बिक्री मामला | जनहित याचिका 

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