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INDORE. इंदौर के ट्रक हादसे में चार की मौत हुई थी। साथ ही, सीएम मोहन यादव ने सख्ती दिखाते हुए आठ अधिकारियों पर कार्रवाई की थी। इसमें डीसीपी ट्रैफिक तक शामिल थे। इस मामले की पुलिस के जरिए हुई इंटरनल जांच में एक-दो नहीं, 6 दोषी पाए गए हैं। वहीं एसीपी और टीआई की काम में लापरवाही मिली है।
एडीसीपी की जांच के बाद विभागीय जांच शुरू
इस घटना की जोन-4 के एडीसीपी दीशेष अग्रवाल ने जांच की थी। उन्होंने यह प्राथमिक जांच कर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह को दे दी है। एडीसीपी की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है।
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जांच रिपोर्ट में यह तथ्य आए
एसीपी सुदेश सिंह - इन्हें लेकर जांच में है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को गायब देखने के बाद भी उनकी गैरहाजिरी नहीं लगाई। ना ही दूसरा बल नहीं मांगा गया। एसीपी वायरलेस सेट से कंट्रोल रूम को सूचित कर चले गए।
टीआई अर्जुनसिंह पंवार - जांच में है कि नो एंट्री के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया। ना ही पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर भेजा।
टीआई दीपक यादव - जांच में पाया गया कि जोन-1 के प्रभारी बनाए गए थे। बल की उपस्थिति सुनिश्चित करना थी, जो नहीं की और ना ही नो एंट्री पाइंट पर ध्यान दिया।
सूबेदार चंद्रेश मरावी - जांच में आया कि सात बजे ड्यूटी पाइंट पर पहुंच जाना था। नो एंट्री मार्ग में ट्रक को प्रवेश करने से रोकना था, लेकिन नहीं किया गया, घटना सात बजे ही हुई।
इंदौर ट्रक हादसा मामले को 5 प्वाइंट में समझें...
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जांच में यह भी लिखा
जांच में है कि सूबेदार चंद्रेश मरावी के साथ सिपाही देवेंद्र जाट और राहुल की ड्यूटी थी, जब ट्रक नो एंट्री में घुसा तो इन्हें नहीं रोका। वहीं ट्रैफिक एएआई प्रेम सिंह पंवार, सिपाही विजय सिंह पंवार और होमगार्ड तेजराम की भी ड्यूटी थी, लेकिन इन्होंने भी नहीं रोका।
एक महीने हुई जांच, सीसीटीवी फुटेज निकाले
जांच अधिकारी एडीसीपी अग्रवाल ने करीब एक महीने तक जांच की। पीड़ितों के साथ पुलिसकर्मियों के कथन लिए गए। सभी की फोन की लोकेशन और एयरपोर्ट से लेकर बड़ा गणपति चौराहा तक के सीसीटीवी फुटेज निकाले गए।
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यह हुई थी घटना
पेपर और गत्ते से भरा ट्रक (एमपी 09जेडपी 4069) पुलिसकर्मियों की लापरवाही के कारण एरोड्रम एरिया के नो एंट्री में घुस गया था। शराब पीकर ट्रक चला रहे चालक गुलशेर ने 20 लोगों को टक्कर मारी थी। इसमें कैलाशचंद्र जोशी, लक्ष्मीनारायण सोनी, महेश, और फिर संदीप बिजवा की मौत हुई।
सीएम ने इंदौर पहुंचकर की थी कार्रवाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना को गंभीरता से लेकर इंदौर पहुंचकर मीटिंग ली थी। सीएम ने बंद कमरे में अधिकारियों की सूची बनाकर सीधी कार्रवाई के आदेश दिए थे। डीसीपी (ट्रैफिक) अरविंद तिवारी को मुख्यालय अटैच कर दिया और एसीपी सुदेश सिंह सहित टीआई अर्जुनसिंह पंवार, दीपक यादव, सूबेदार चंद्रेश मरावी, एसआई प्रेम सिंह और सिपाही विजय चौहान, राहुल राजावत और देवेंद्र को निलंबित कर दिया।