इंदौर में शराब के नशे में विजयनगर पुलिस ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के ड्राइवर को ही पीट डाला, जांच के आदेश

इंदौर विजयनगर टीआई चंद्रकांत पटेल पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के ड्राइवर ने बेवजह मारपीट करने का आरोप लगाया है। साथ ही, मंत्री के ड्राइवर ने आरोप लगाया है कि पुलिस वाले के मुहं से शराब की बदबू आई।

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Sanjay Gupta
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Indore. मध्यप्रदेश के इंदौर में पुलिस आयुक्त संतोष सिंह भले ही रात को वाहन चालकों की ड्रिंक एंड ड्राइव की सघन जांच कराते हों, लेकिन दूसरों के मुंह में ब्रीथ एनालाइजर लगाने वाली खुद पुलिस पर अब शराब पीकर ड्यूटी करने के आरोप लगे हैं। यह खुला आरोप और किसी ने नहीं, बल्कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के ड्राइवर ने ही लगाए हैं। विजयनगर टीआई चंद्रकांत पटेल इस मामले में उलझ गए हैं और उन पर बेवजह पीटने के गंभीर आरोप ड्राइवर ने लगाए हैं। पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत हो गई है।

यह है पूरी घटना

पीड़ित ड्राइवर राघवेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि वह 17-18 सितंबर की दरमियानी रात को चित्रा नगर में एक खाली जगह पर लघुशंका के लिए रुक गए। इसी बीच विजय नगर थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल की गाड़ी आकर खड़ी हुई। उसमें एक अन्य पुलिसकर्मी भी बैठा था।

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रघुवंशी ने बताया कि उसने ड्राइवर को बुलाया और गालियां देते हुए खड़े रहने का कारण पूछा। जवाब में ड्राइवर ने लघुशंका (पेशाब) करने की बात कही तो पुलिसकर्मी भड़क गया और गाड़ी से उतरकर गालियां देते हुए थप्पड़ जड़ दिए। इसी दौरान ड्राइवर को पुलिस वाले के मुंह से शराब की बदबू आई और उसने बोल दिया कि आपने तो शराब पी रखी है।

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इसके बाद टीआई बाहर निकले और दिखाया रुआब

ड्राइवर ने बताया कि यह सुनकर पुलिस की गाड़ी से खुद थाना प्रभारी बाहर निकले और मेरे हाथ से कार की चाबी-मोबाइल छिनने के बाद थप्पड़ मारे। ड्राइवर ने चांटे मारने का कारण पूछा तो बोले कि यहां क्यों खड़े थे। दोनों ने ड्राइवर का वीडियो बनाकर नाम-पता पूछने के बाद गाड़ी थाने में ले जाने की बात बोली।

ड्राइवर ने बताया कि अगले दिन क्लाइंट को लेकर बाहर जाना था, इसलिए उसने माफी मांगी। इसके बाद भी पुलिसकर्मी और टीआई ने ड्राइवर के अहमदाबाद निवासी सेठ से बात की और उसे कहा- तुम कहां के गुंडे हो, सुबह थाने आकर मिलो। इसके बाद ड्राइवर को मोबाइल-चाबी देकर छोड़ दिया।

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कमिश्नर से की शिकायत, एसीपी को दी जांच

इसके बाद ड्राइवर ने इस मामले की शिकायत सीधे पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह को कर दी। उन्होंने तत्काल डीसीपी को जांच के लिए कहा और ड्राइवर को भेजा। ड्राइवर ने वहां पूरी घटना का लिखित विवरण दिया। ड्राइवर ने कहा कि सीपी और डीसीपी का व्यवहार बहुत अच्छा रहा और पूरा सहयोग किया है। इसमें एसीपी को जांच के लिए कहा गया है।

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