इंदौर में लोकायुक्त ने बाबू को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा

इंदौर लोकायुक्त ने नायब तहसीलदार दया राम निगम को ट्रैप किया। उन्होंने बाबू नरेंद्र नरवरिया के जरिए नामांतरण केस में 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के आदेश पर एसपी राजेश सहाय की टीम ने यह सख्त कार्रवाई की।

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Sanjay Gupta
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INDORE. इंदौर लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बाबू को ट्रैप किया है। दरअसल लोकायुक्त में नायब तहसीलदार और बाबू दोनों को भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने के मामले में आरोपी बनाया है लेकिन मौके पर केवल बाबू ही पकड़ा गया। नायब तहसीलदार उस समय तहसील में नहीं था।

खुड़ैल नायब तहसीलदार दया राम निगम द्वारा बाबू नरेंद्र नरवरिया के जरिए नामांतरण केस में 50 हजार की रिश्वत मांगी गई थी। महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश के तहत एसपी लोकायुक्त राजेश सहाय ने टीम बनाकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। 

नायब तहसीलदार का सहयोगी धराया

आवेदक कृष्ण कुमार डांगी, एडवोकेट, निवासी ग्रेटर ब्रजेश्वरी, इंदौर की शिकायत पर लोकायुक्त ने दया राम निगम, नायब तहसीलदार, तहसील खुड़ैल, जिला इंदौर के सहयोगी नरेंद्र नरवरिया, निलंबित सहायक ग्रेड 3, जो वर्तमान में तहसील कनाडिया में अटैच हैं, को पकड़ा है।

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इस तरह मांगी गई रिश्वत 

आवेदक एडवोकेट कृष्ण कांत दांगी ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर राजेश सहाय को आवेदन किया था कि उसकी विधवा बुआ भगवंतिबाई, निवासी ग्राम खराडीया की भूमि के नामांतरण हेतु बाबू नरेंद्र नरवरिया द्वारा नायब तहसीलदार खुड़ैल दयाराम निगम के साथ मिलकर 50,000/- रुपए रिश्वत मांगी जा रही है। 

एपी ने सत्यापन कराया तो शिकायत सही पाई गई। आरोपी द्वारा 30 सितंबर को आवेदक से रिश्वत राशि लेना तय किया और आवेदक को रिश्वत राशि लेकर तहसील खुड़ैल कार्यालय बुलाया। एसपी ने ट्रैप दल गठित कर ट्रैप प्लान किया गया। तहसील कार्यालय में निलंबित सहायक ग्रेड 3 नरेंद्र नरवरिया ने आवेदक से रिश्वत राशि अपने टेबल की दराज में रखवा ली।

रिश्वत राशि लेते ही आसपास तैनात लोकायुक्त दल ने आरोपी बाबू को पकड़ लिया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7,61(2) के अंतर्गत कार्रवाई हो रही है। 

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ट्रैप दल में यह अधिकारी थे

डीएसपी सुनील तालान,निरीक्षक आशुतोष मिठास, स ऊ नि रहीम खान, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक गण आदित्य भदौरिया, राकेश मिश्रा, आशीष नायडू, आशीष आर्य, शैलेन्द्र बघेल और वाहन चालक शेरसिंह ठाकुर ट्रैप दल में शामिल थे।

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