मध्य प्रदेश में निजी कॉलेजों में हो रहे गड़बड़ी और अनियमितताओं के खिलाफ अब सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। विशेष रूप से ग्वालियर, चंबल और भोपाल संभाग में शिक्षा माफियाओं के कारण कई कॉलेज नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने पहले कलेक्टरों को इन कॉलेजों का सत्यापन और निरीक्षण करने का निर्देश दिया था, लेकिन 22 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मुद्दे पर NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, और मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
निजी कॉलेजों में गड़बड़ी का खुलासा
मध्य प्रदेश में कई निजी कॉलेज एक ही बिल्डिंग में कई कोर्स चला रहे हैं, जिनसे शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों का भविष्य खतरे में है। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने ग्वालियर और चंबल संभाग के फर्जी कॉलेजों की सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि यह शिक्षा माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम है।
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कलेक्टरों को सत्यापन और निरीक्षण का निर्देश
23 दिसंबर 2024 को उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने कलेक्टरों को निजी कॉलेजों का सत्यापन और भौतिक निरीक्षण 15 दिनों में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्वालियर और चंबल संभाग में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का मुद्दा उठते ही एनएसयूआई ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और इन कॉलेजों की सीबीआई जांच की मांग की।
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Nsui की मांग
1. फर्जी कालेजों को मान्यता और संबंद्धता देने वाले अधिकारियों को उनके पदों से हटाया जाए।
2. फर्जी कॉलेजों को तुरंत बंद किया जाए।
3. शिक्षा माफियाओं और कालेज संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
4. छात्रों की छात्रवृत्ति की जांच करवाएं जाएं ।
5. फर्जी कालेजों में अध्यनरत छात्रों की तत्काल फीस वापस करवाएं जाएं ।
6. पीजीडीएम कोर्स में फर्जी छात्रवृत्ति के माध्यम से करोड़ो अरबो रुपए कमाने वाले कॉलेजों की गहनता से जांच की जाए।
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