जबलपुर में 1200 से अधिक संदिग्ध लोगों की पहचान, विधायक अजय विश्नोई ने सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

जबलपुर में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान 1200 संदिग्धों की पहचान हुई है। इससे प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने चिंता जताई। उन्होंने दावा किया कि संदिग्धों की संख्या एक लाख से अधिक हो सकती है।

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Neel Tiwari
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Photograph: (thesootr)

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JABALPUR. जबलपुर में SIR प्रक्रिया के दौरान 1200 से अधिक संदिग्ध लोगों की पहचान हुई है। इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां अब सतर्क हो गई हैं। भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने इस खुलासे को X पर पोस्ट किया। उन्होंने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई है। विश्नोई का दावा है कि संदिग्ध व्यक्तियों की संख्या एक लाख से अधिक हो सकती है। पुलिस कानूनी प्रतिबंधों के कारण कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

जबलपुर में मिले 1200 से ज्यादा संदिग्ध 

अजय विश्नोई ने अपने X अकाउंट पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया कि जबलपुर जिले में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान 1200 से अधिक संदिग्धों की पहचान हुई है। विश्नोई ने कहा कि यह आंकड़ा प्रदेश की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है। उन्होंने आशंका जताई कि मध्यप्रदेश में संदिग्धों की संख्या एक लाख से अधिक हो सकती है।

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पुलिस नहीं कर पा रही कार्रवाई

विधायक विश्नोई ने बताया कि पिछले 12 वर्षों से पुलिस संदिग्ध व्यक्तियों को निरुद्ध नहीं कर पा रही है। पूर्व में आईपीसी की धारा 109 के तहत यह अधिकार उपलब्ध था। लेकिन, 2012 में तत्कालीन डीजीपी ने इस पर रोक लगा दी। भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता की धारा 128 में यह प्रावधान होने के बावजूद प्रदेश में इसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस वजह से पुलिस संदिग्धों पर ठोस कदम नहीं उठा पा रही। यह स्थिति सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही है।

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सीएम को लिखी चिट्ठी

अपने X पोस्ट और मीडिया से बात करते हुए विश्नोई ने कहा कि संदिग्ध व्यक्तियों में विदेशी या पहचानहीन लोग शामिल हो सकते हैं। इनकी जांच अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पुलिस को डिटेंशन का अधिकार पुनः देने का आग्रह किया। उनका कहना है कि यह प्रदेश की कानून-व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा के लिए जरूरी कदम होगा।

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