आत्माराम कॉलेज पर गंभीर आरोप, फीस जमा नहीं करने पर छात्रों को एग्जाम में किया फेल

जबलपुर के आत्माराम कॉलेज पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, यहां छात्रों को फीस न देने के कारण मुख्य परीक्षा में फेल किया गया। एनएसयूआई ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ विरोध जताया और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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Neel Tiwari
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जबलपुर के विजयनगर में संचालित एक कॉलेज पर शासन के नियमों के विरुद्ध संचालित किए जाने के साथ बच्चों की फीस न मिलने के कारण बच्चों को मुख्य परीक्षा में फेल किए जाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें छात्र संगठन एनएसयूआई के द्वारा कॉलेज प्रबंधन के द्वारा छात्रों को फीस न जमा करने के कारण फेल किए जाने का विरोध किया। उन्होंने छात्र संगठन की शक्ति से भी कॉलेज प्रबंधन को अवगत कराने की चेतावनी दी।

स्टूडेंट्स को फेल किए जाने का मामला 

जबलपुर के विजयनगर स्थित आत्माराम कॉलेज से एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन पर फीस जमा न किए जाने पर मुख्य परीक्षा में आयोजित एक विषय में फेल किए जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही विषय पर आधारित वायवा में भी मात्र एक नंबर दिया गया है। छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन से उनकी कॉपी दिखाई जाने की मांग की है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन के द्वारा वायवा मौखिक रूप से किया जाता है। इसीलिए किसी भी संबंधित विषय की कॉपी को नहीं दिखाया जा सकता है। हालांकि जिस भी विषय में वायवा होता है उसे विषय में एक प्रैक्टिकल फाइल भी जमा करनी होती है, और इस प्रैक्टिकल फाइल में लगभग 50 नंबर मिलते हैं जिसके बारे में कॉलेज ने कोई भी जानकारी नहीं दी है।

छात्रों ने बताया है कि कॉलेज प्रशासन के द्वारा 12 बच्चों को मुख्य परीक्षा में फेल कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। भविष्य में उनकी प्लेसमेंट संबंधी किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी लेने से भी कॉलेज प्रबंधन पीछे हट रहा है।

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नियम विरुद्ध किया एडमिशन

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के छात्र नेता सैफ मंसूरी ने बताया कि विजयनगर 3 से 4 साल पहले बने आत्माराम कॉलेज के द्वारा MBA का कोर्स चालू किया गया जिसमें बच्चों को स्कॉलर बेस पर एडमिशन दिया गया जो कि शासन के नियमों के खिलाफ है साथ ही महाविद्यालय के द्वारा जिन बच्चों की चौथे सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी उनमें से 12 छात्रों को फीस जमा न होने की वजह से परीक्षा में फेल कर दिया गया है। 
यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़

उग्र आंदोलन की चेतावनी

उन्होंने शासन के नियमों का हवाला देते हुए बताया कि शासन के नियमों के अनुसार किसी बच्चे की फीस जमा न होने पर उन्हें फेल नहीं किया जा सकता है, कॉलेज प्रबंधन के द्वारा किया गया यह काम बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। जब इसका विरोध और इससे संबंधित बातचीत करने के लिए छात्रों के साथ एनएसयूआई ने कॉलेज प्रबंधन से मिलना चाहा तो उन्होंने मिलने से साफ इनकार कर दिया साथ ही मौके पर मिले HOD ने छात्र नेताओं को गुंडा मवाली कहा गया। जिसका एनएसयूआई ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि यदि 48 घंटे के अंदर इन छात्रों के रिजल्ट संबंधी कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो NSUI के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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छात्रों ने भी उठाई निराकरण की मांग

जबलपुर के आत्माराम कॉलेज के छात्रों के द्वारा बताया गया कि लगभग 70 से 80 छात्र MBA की परीक्षा में सम्मिलित हुए थे, लेकिन मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले लगभग एक दर्जन छात्रों की फीस जमा न होने के कारण कॉलेज प्रबंधन के द्वारा उन्हें मुख्य परीक्षा में फेल कर दिया गया है। इसके बाद छात्रों के द्वारा लगातार कॉलेज प्रबंधन से इस समस्या के निराकरण किया जाने संबंधी मांग की जा रही है, क्योंकि कहीं ना कहीं इसका असर छात्रों के भविष्य पर पड़ेगा।

कॉलेज प्रबंधन का अटपटा जवाब

आत्माराम कॉलेज के प्रिंसिपल चंद्रप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चों की स्कॉलरशिप तो आ गई है, लेकिन लगातार 2 साल से उनसे फीस जमा किए जाने को कहा जा रहा है। बच्चों के द्वारा ना ही फीस जमा की जा रही है और ना ही फोन उठाया जा रहा है। बच्चों से यह भी कहा जा रहा की मैनेजमेंट से मिलकर इस समस्या के समाधान संबंधी चर्चा करें लेकिन उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कोई काम नहीं किया जा रहा है। छात्रों द्वारा कॉपी दिखाए जाने की मांग पर उन्होंने बताया कि वायवा में किसी भी प्रकार की कॉपी नहीं होती है तो उसे दिखाए जाने का सवाल ही नहीं है। साथ ही वायवा में एक नंबर दिए जाने और फीस जमा न करने पर फेल किए जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है छात्रों के द्वारा दिया गया वायवा अच्छा नहीं था साथ फीस संबंधी मामलों को उन्होंने सेकेंडरी मैटर बताया।

वायवा में कम से कम दिए जाते हैं पासिंग मार्क्स 

दरअसल, किसी भी परीक्षा के साथ आयोजित किए जाने वाले वायवा में कम से कम छात्रों को पासिंग मार्क्स दिए जाते हैं। अमूमन किसी भी छात्र को इस तरह से फेल नहीं किया जाता है, लेकिन कॉलेज प्रबंधन और छात्रों की बीच फीस को लेकर विवाद की वजह से इन छात्रों को फेल किया गया है या फिर किसी और कारण से यह तो छात्र और कॉलेज प्रबंधन ही जाने।

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