जबलपुर में फरियादी से मांगे 25 हजार, बाइक छीनकर 5 हजार की डील…

जबलपुर में पुलिस अधिकारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। ओमती थाने के आरक्षक नितेश शुक्ला को पांच हजार रुपए लेते पकड़ा गया। लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

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Neel Tiwari
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MP News: जबलपुर में खाकी वर्दी पर रिश्वत के छींटे पड़े हैं। ओमती थाने में पदस्थ आरक्षक नितेश शुक्ला को लोकायुक्त ने 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली और ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खास बात यह रही कि रिश्वत की शुरुआत 25 हजार से हुई और आखिर में 5 हजार पर आकर सौदा तय हुआ। फरियादी की बाइक जब्त कर पुलिस ने एक तरह से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और रिश्वत देने के लिए मजबूर किया।

सोने के कंगन गिरवी रखने से शुरू हुई कहानी 

शिवम चौरसिया, जो कि अंधेर देव क्षेत्र में हार्डवेयर का व्यवसाय करते हैं, को व्यवसायिक कार्य के लिए तत्काल कुछ पैसों की आवश्यकता थी। ऐसे में उन्होंने अपने परिचित आयुष सोनी को दो सोने के कंगन गिरवी रख दिए। आपसी सहमति के अनुसार, शिवम को यह कंगन 3 लाख 50 हजार रुपए में वापस मिलने थे। लेकिन जब उन्होंने रकम जुटाकर कंगन वापस लेने की कोशिश की, तो पता चला कि आयुष ने पहले ही वे जेवर किसी और को बेच दिए हैं।

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इंसाफ की आस में पहुंचा ओमती थाने

शिवम ने इस धोखाधड़ी की शिकायत 27 मार्च को ओमती थाने में दी। वहां से उन्हें गोमती चौकी भेजा गया, जहां आरक्षक नितेश शुक्ला ने उनकी शिकायत में 'कमियां' निकाल दीं। अगले दिन जब शिवम दोबारा संशोधित शिकायत लेकर पहुंचे, तो सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता ने भी आवेदन में त्रुटियां बताकर टाल दिया। आखिरकार तीसरे दिन जब शिवम पूरी तैयारी के साथ फिर पहुंचे, तो उनका सामना रिश्वतखोरों की पुलिसिया धमकी से हुआ।

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झूठे केस में फंसाने की धमकी

शिवम का आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता ने उन्हें डराते हुए कहा कि उन्होंने नकली जेवर गिरवी रखे हैं और अब उन पर धोखाधड़ी का केस बन सकता है। यदि वे 25 हजार रुपए नहीं देंगे तो झूठे केस में फंसा दिए जाएंगे। इसी दौरान, पुलिस ने शिवम की रॉयल एनफील्ड बाइक भी जब्त कर थाने में खड़ी करवा दी। यह बाइक शिवम के मित्र की थी और उसे छुड़वाने के लिए पुलिस 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगने लगी।

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पकड़ा गया रिश्वतखोर आरक्षक

परेशान और हताश शिवम ने आखिरकार लोकायुक्त से संपर्क किया। डीएसपी सुरेखा परमार के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई और सोमवार 2 जून को जैसे ही आरक्षक नितेश शुक्ला ने शिवम से 5 हजार रुपए की रिश्वत ली, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथ धर दबोचा।

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भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज

लोकायुक्त पुलिस ने आरक्षक नितेश शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता की भूमिका को लेकर भी जांच की जा रही है।

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