जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अव्यवस्थाओं पर अधिवक्ताओं का हल्ला बोल, भूख हड़ताल शुरू

जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अधिवक्ताओं ने अपनी बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। अधिवक्ताओं का कहना है कि कोर्ट परिसर में ऑडिटोरियम और लिफ्ट जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं का काम अधूरा पड़ा है।

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Neel Tiwari
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Photograph: (THESOOTR)

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जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट परिसर में सुविधाओं के अभाव के चलते अब अधिवक्ताओं ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा और यह प्रदेश स्तर तक भी विस्तार ले सकता है।

जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर ने आखिरकार लंबे समय से लंबित मांगों और समस्याओं के निराकरण न होने पर बड़ा कदम उठा लिया है। संघ ने आज 25 सितंबर 2025 से जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के गेट नंबर 4 के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी।

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा का कहना है कि वे न्यायालय की कार्यवाही में अपना पूरा सहयोग देते रहे हैं, लेकिन अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए बार-बार निवेदन करने के बावजूद शासन और प्रशासन की चुप्पी ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया है।

ऑडिटोरियम और लिफ्ट की समस्या

अधिवक्ता संघ की ओर से चीफ जस्टिस को भेजे गए ज्ञापन में बताया गया कि न्यायालय परिसर में वर्षों से निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का काम अधूरा पड़ा है, जिससे अधिवक्ताओं और पक्षकारों को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ता है।

वहीं, संघ भवन में लगी चार लिफ्टों में से तीन लिफ्टें लंबे समय से बंद पड़ी हैं। जो एकमात्र लिफ्ट चल रही है, वह भी बीच में रुक जाती है और कभी भी अप्रिय हादसा हो सकता है। अधिवक्ताओं का कहना है कि शासन द्वारा करोड़ों रुपये एएमसी और मरम्मत कार्य के लिए स्वीकृत किए जाने के बावजूद अब तक सुधार कार्य नहीं हुआ।

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खुले क्षेत्र में गंदगी से हो रही दिक्कतें

बार संघ ने यह भी बताया कि भवन के ओपन एरिया में बारिश के दौरान पानी गिरने से अधिवक्ताओं और पक्षकारों को फिसलने का खतरा बना रहता है। साथ ही, नई बिल्डिंग में बनाए गए लेट-बाथ की डिज़ाइनिंग में गंभीर खामियां हैं, जिसके कारण पानी का बहाव रुक जाता है और गंदगी फैलती है। अधिवक्ता इसे गंभीर स्वास्थ्य खतरे की स्थिति मानते हुए बार-बार सुधार की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

संघ ने बताया कि 2018 से भवन में पुताई का कार्य तक नहीं हुआ है। बार-बार पत्राचार और मौखिक अनुरोधों के बावजूद जब कोई सुधार कार्य नहीं कराया गया, तो अधिवक्ताओं में रोष बढ़ता गया और आज यह स्थिति आ गई कि उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा।

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प्रदेश स्तर तक जा सकता है आंदोलन

संघ अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि कोर्ट का काम एक तरफ जारी है, वहीं अधिवक्ता अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए क्रमिक भूख हड़ताल पर मजबूर हुए हैं। यदि मांगें पूरी नहीं होतीं, तो यह आंदोलन लंबे समय तक चलेगा और प्रदेश स्तर पर भी विस्तार किया जाएगा।

हड़ताल में अध्यक्ष मनीष मिश्रा, उपाध्यक्ष मनोज तिवारी,ज्योति राय, पुस्तकालय सचिव शैलेंद्र यादव समेत अन्य कार्यकारिणी सदस्य, बार काउंसिल सदस्य और अधिवक्ता शामिल हुए है।

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