जबलपुर के चरगंवा थाना के देवरी टपरिया गांव में एक मामूली 140 रुपए के विवाद ने हत्याकांड का रूप ले लिया था, जिसमें 26 साल के मनोज ठाकुर की उसके अपने ही भतीजे ने बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल था। पुलिस ने आरोपी भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है जिसने शराब - चिकन पार्टी के दौरान हुए विवाद में अपने चाचा की हत्या कर दी।
शर्ट पर बैठी मक्खियों ने दिया सुराग
दरअसल इस मामले में हत्याकांड के बाद पुलिस को कोई भी क्लू नहीं मिल रहा था। पुलिस हर एंगल से जांच पड़ताल कर चुकी थी और भतीजा भी इतना स्वाभाविक व्यवहार कर रहा था कि उस पर भी शक करने की कोई गुंजाइश नहीं थी। पुलिस जब भतीजे धरम से पूछताछ कर रही थी तो बार-बार उसके कंधे पर मक्खियां बैठ रही थी। इस आधार पर पुलिस को शक हुआ और जब धरम की शर्ट को चेक कराया गया तो उसमें खून के सबूत मिले। जिसके आधार पर आरोपी भतीजे धरम से दोबारा पूछताछ की गई और उसके बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
शराब-चिकन पार्टी और 140 रुपए का था झगड़ा
30 अक्टूबर को दिवाली से ठीक पहले चाचा-भतीजे ने एक साथ शराब और चिकन पार्टी करने की योजना बनाई। मनोज ने 340 रुपये की शराब खरीदी। जबकि धरम ने 60 रुपए का चिकन लाया। इस तरह दोनों ने कुल 400 रुपये खर्च कर पार्टी शुरू की। शराब पीते हुए दोनों में 140 रुपये को लेकर बहस छिड़ गई। चाचा मनोज ने अधिक खर्च करने की बात कहते हुए गाली-गलौज और भतीजे की पिटाई की । विवाद इतना बढ़ गया कि भतीजे ने चाचा को मार डालने का फैसला कर लिया।
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हत्या कर खेत मे छोड़ी थी लाश
विवाद के दौरान भतीजे ने अपने चाचा पर भारी लकड़ी से हमला कर दिया, जिसमें एक कील लगी हुई थी। मनोज के सिर और गले पर इस बल्ली से चोटें लगीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या को अंजाम देने के बाद धरम ने लाश को गांव के बाहर राजेश उर्फ गांधी ठाकुर के खेत में छोड़ दिया और खुद घर लौट गया, मानो कुछ हुआ ही न हो।
जांच के बाद हुआ हत्या का खुलासा
31 अक्टूबर को दोपहर में गांव वालों ने खेत में मनोज की लाश देखी। उसके पास खून से सनी एक भारी लकड़ी पड़ी थी। चरगंवा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि 30 अक्टूबर की शाम को मनोज को धरम के साथ शराब दुकान के पास देखा गया था। पुलिस ने धरम से पूछताछ की, जिसमें उसने पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछने पर उसने अपराध कबूल कर लिया।
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भतीजे पर किसी को भी नहीं हुआ था शक
हत्या के बाद किसी को शक न हो, इसके लिए धरम ने खुद बिल्कुल सामान्य दिखाया था। उसने अपने चाचा के अंतिम संस्कार और अन्य रस्मों में भी भाग लिया। यहां तक कि मनोज का मोबाइल बंद कर अपने पास ही रखा, ताकि घटना से जुड़े किसी सुराग को छुपा सके। पुलिस टीम ने एडीशनल एसपी ग्रामीण सोनाली दुबे और बरगी सीएसपी सुनील नेमा के मार्गदर्शन में ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा किया गया। पुलिस ने आरोपी धरम को गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमाल की गई भारी बल्ली भी बरामद कर ली है। मृतक मनोज का परिवार खेती-बाड़ी कर अपना जीवनयापन करता था और धरम तथा मनोज हमउम्र होने के कारण अक्सर साथ में ही शराब पार्टी किया करते थे।
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