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Jabalpur. जबलपुर के रानीताल खेल परिसर में आयोजित सांसद खेल महोत्सव को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। यहां शुक्रवार, 26 दिसंबर की सुबह खिलाड़ियों ने आयोजकों पर खुलेआम धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर आए वीडियो में खिलाड़ी कह रहे हैं कि उन्हें बड़े पुरस्कार का वादा किया गया था। उन्हें प्रतियोगिता में शामिल करने से पहले 11 हजार और 21 हजार रुपए देने की बात की गई थी। वहीं, पुरस्कार वितरण के समय उन्हें सिर्फ 300, 500 और 1000 रुपए के लिफाफे मिले हैं।
खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे खिलाड़ियों ने विरोध जताया है। उन्होंने अपने मेडल और प्रमाण पत्र इकट्ठा कर आयोजन समिति को वापस करना शुरू कर दिया है।
फोटो सेशन करा निकल गए सांसद
वीडियो में यह भी साफ दिखाई देता है कि खिलाड़ी अपनी पीड़ा और नाराजगी जाहिर कर रहे थे। इसी दौरान आयोजन स्थल पर मौजूद जबलपुर आशीष दुबे के सांसद फोटो सेशन में व्यस्त नजर आ रहे हैं। खिलाड़ियों ने सीधे अपनी बात रखी, तो सांसद ने कर्मचारियों से कहा कि आप इनको डील करो। इसके बाद सांसद खिलाड़ियों को समय दिए बिना वहां से चले गए।
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मामला दबाने के लिए खिलाड़ियों पर बनाया दबाव
खिलाड़ियों का आरोप है कि विरोध करने पर कोच और सीनियर के जरिए उन पर दबाव बनाया गया। वहीं शिकायत करने पर करियर खराब करने और मध्यप्रदेश में रहना मुश्किल करने जैसी धमकियां भी दी गईं।
हालांकि सामने आए वीडियो में यह भी नजर आ रहा है कि एक व्यक्ति फोन पर खिलाड़ियों को उनके सीनियर से बात करा रहा है। इसके बाद धमकी के अंदाज में वीडियो बनाने वाले का नाम भी पता कर रहा है। वीडियो में तो यह साफ नजर आ रहा है कि मामला बाहर न आने देने की पुरजोर कोशिश की गई थी। वहीं, खिलाड़ियों का वीडियो आखिरकार सार्वजनिक हो गया।
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पूरे संसदीय क्षेत्र के खिलाड़ी हुए शामिल
इस आयोजन में जबलपुर के अलावा आसपास के कई जिलों से भी खिलाड़ी शामिल हुए थे। सभी खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें बड़े इनाम की जानकारी देकर बुलाया गया था। बाद में नाम मात्र की राशि देकर अपमानित किया गया है।
जबलपुर के खिलाड़ी सुमित पटेल ने वीडियो में साफ कहा कि इसकी शिकायत करने पर उन्हें धमकी मिल रही है। धमकी में यह कहा गया कि उनका करियर खराब कर दिया जाएगा।
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पब्लिसिटी का मंच बना सांसद खेल महोत्सव
सांसद खेल महोत्सव खिलाड़ियों के सम्मान के बजाय केवल राजनीतिक प्रचार का मंच बनकर रह गया है। गंभीर आरोपों के बावजूद सांसद ने खिलाड़ियों की बात नहीं सुनी और मौके से चले गए। इसने अब पूरे आयोजन की मंशा और औचित्य पर सवाल खड़ा कर दिया है।
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के आयोजन से लेकर पुरस्कार वितरण तक जबलपुर के मंत्री, विधायक और सांसद फोटो में नजर आए हैं। अब खिलाड़ियों की समस्याओं का समाधान करने कौन सामने आता है, यह देखने वाली बात होगी।
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जिला खेल अधिकारी का बयान
इस मामले में जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने 11 हजार और 21 हजार रुपए के इनाम के ऐलान से ही इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सांसद खेल महोत्सव की हर मीटिंग में वह मौजूद थे। इस तरह के इनाम की कोई घोषणा कभी नहीं की गई।
आशीष पांडे ने बताया कि खिलाड़ी जिस पोस्टर का हवाला दे रहे हैं, वह प्रशासन ने नहीं छपवाया है। खिलाड़ियों के जरिए मेडल वापस किए जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि वह आयोजन से निकल गए थे। ऐसे में इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
अब एक सवाल उठता है कि किसने 11 हजार और 21 हजार रुपए के इनाम के पोस्टर छपवाए थे। साथ ही, इन पोस्टरों को खिलाड़ियों को बांटा गया ताकि सांसद खेल महोत्सव में ज्यादा खिलाड़ी आए और आयोजन सफल हो सके।
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